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अब नही जागे तो कब......?

भ्रष्टाचार मुक्त देश बनाने के लिए अन्ना हज़ारे आगे आए सरकार का रुख़ हम सबने देखा. अब वो समय आ गया हे की देश मे क्रांति हो और देश नया रूप नया रंग ले एक नई सुबह हो.

पूरा देश अन्ना के साथ हे. अन्ना आज एक नाम नही एक क्रांति हे एक आंदोलन हे और हम सभी चाहते हे की ये देश रिश्वत खोरो से मुक्त हो सारा सिस्टम ठीक से चलायमान हो.

इन सबमे राजनीतिक पार्टिया आपस की लड़ाई भी लड़ रही हे. एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाए जा रहे हे.लेकिन आम आदमी को इन सबसे उपर उठ कर सोचना चाहिए.

 

मुझे दुष्यंत कुमार की पंक्तिया याद आती हे की

 

हो गयी हे पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए

इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए

सिर्फ़ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नही

मेरी कोशिश हे की ये सूरत बदलनी चाहिए

और मेरे सीने मे न सही तेरे मे सही

हो कही भी आग लेकिन आग जलनी चाहिए

 

 

इसलिए उठो देश वासीयो जागो ये सोने का समय नही बता दो की तुम भारत माता की संतान हो जब पीड़ा का सागर खून मे हिलोरे लेगा तो पौरुष परिभाषित होकर स्वयम् तुम्हे ललकारेग. आज इतिहास फिर क्रांति चाहता हे आज फिर एक जुट हो कर तानाशाही पर अंकुश लगाने की ज़रूरत हे.

 

उठो भारत के सपुतो जाग जाओ और आगे बडो देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करो.

 

प्रेषक

मोनिका भट्ट(दुबे)

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Comment by VIBHUTI KUMAR on August 17, 2011 at 1:15pm

सरकार

शर्मशार किये गाँधी को, नहीं माफ़ करेंगे
लायेंगे वक़्त को , तेरा भी इन्साफ़ करेंगे
माँग रहे बस रास्ता,  दे दो ऎ जंगल मुझे
मज़बूर किये तो तुझे, जड़ से साफ़ करेंगे

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