For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गोटी चम किसकी यानि दसों उँगलियाँ घी मे किसकी

सादर नमस्कार,

ये लेख मैंने मुंबई आतंकी हमले के तुरंत बाद लिखी थी। चाहता हूँ कि इ लेख के माध्यम से अपने विचार आप लोगों के साथ भी बाँटूँ। आप भी अपने विचारों से हमें अवगत कराने की कृपा करें। सादर धन्यवाद।।

बाबूजी मुंबई से आए हैं और बहुत उदास हैं। कह रहे हैं कि छोटा-मोटा काम अपने गाँव-जवार में ही मिल जाएगा तो करूँगा पर अब मुंबई नहीं जाऊँगा। अब वहाँ के जीवन का कोई भरोसा नहीं है, कब क्या हो जाएगा कोई नहीं जानता। अब तो पूरे भारत में आतंकवाद ने अपना पैर पसार लिया है। इन सब दंगे-फसादों से जो बच गया वह भगवान को दुहाई दे रहा है और जो आतंकवाद के भेंट चढ़ गया उसके भी माई-बाप, भाई-बहन, मेहरारू और बेटे-बेटियाँ भगवान से पूछ रहे हैं कि यह आप क्या कर दिए???

बाबूजी को माई सांत्वना दे रही है, समझा रही है। वह बाबूजी से कह रही है कि इस जबाने में नेतालोगों, भ्रष्टाचार अधिकारियों को दो-चार लाख घूस देने पर भी सरकारी नौकरी मिल पाना मुश्किल है और आप हैं कि आतंकियों के डर से यह नौकरी छोड़ने की बात कह रहे हैं। माँ आगे कह रही है कि घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। अब अपनी सरकार आतंकवाद पर गंभीरता से विचार कर रही है और इसके समूल नाश के लिए बीड़ा भी उठा ली है। आप देखिएगा बहुत जल्द ही आतंकवाद का सफाया हो जाएगा। अब मुझे माई की सिसकी सुनाई दे रही है, वह कह रही है लड़कों की पढ़ाई-लिखाई है, दवा-दारू है, नेवता-पठारी है, दो-चार कट्ठा खेत के लिए खाद-बिया, जोताई-हेंगाई है और तो और हमलोग तो रूखा-सूखा भी खाकर रह लेंगे, कुछ भी नहीं मिलेगा तो उपास भी कर लेंगे पर घर में एक लड़कौरी पतोहू है, एक दूध-पीता पोता है, उन दोनों का क्या होगा?

माई और बाबूजी के बीच चल रही यह बातचीत मैं दोगहा में बैठकर सुन रहा हूँ। मैं बाबूजी की बात सुनकर उदास हो गया हूँ। मुझे यह चिंता सता रही है कि क्या बाबूजी अब सही में मुंबई नहीं जाएँगे? दो-चार दिन के बाद, एकदिन क्या देख रहा हूँ कि माई सतुआ-पिसान बाँध रही है, गोझिया और लिट्टी बना रही है। मेरी औरत भी माँ का हाथ बँटा रही है। मैं जान नहीं पा रहा हूँ कि यह तैयारी क्यों हो रही है? अभी मैं इसी उधेड़-बुन में हूँ तभी मेरी औरत मेरे पास आकर कहती है कि बाबूजी आज ही कुशीनगर (एक्सप्रेस)से मुंबई जा रहे हैं।

मलिकाइन (पत्नी) की यह बात सुनकर मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मैं दौड़ते हुए घर से बाहर निकला और सीधे अपने लँगोटिया यार चिखुरी के घर पहुँचा। मुझे देखते ही मेरे यार चिखुरी ने पूछा, "क्या यार नकछेदन! आज बहुत खुश दिख रहे हो? कोई बात है क्या?" मुझसे अपनी खुशी रोकी नहीं गई और मैं कह बैठा, "हाँ यार! मेरी गोटी तो चम है।" मेरा यार बोला, "बुझौवल क्यों बुझा रहे हो भाई, साफ-साफ बताओ कि क्या बात है?" "यार! मेरे बाबूजी मुंबई जाने के लिए तैयार हो गए हैं और तुम तो जानते ही हो कि भारत का हर शहर खासकर महानगर आतंकवाद की चपेट में हैं। सरकार केवल लउर-लबेदई हाँक रही है, आतंकवाद को उखाड़ फेंकने के लिए बड़ी-बड़ी बातें कर रही है, जनता को समझा रही है कि घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है सबकुछ सामान्य है पर मैं तो जान ही रहा हूँ कि ये सब ओट की राजनीति है। कुछ होनेवाला नहीं है, यह सब हवाई फायरिंग है। पाकिस्तान भी समझ रहा है कि यह सब गीदड़-भभकी है।", ये सारी बातें मैं एक ही साँस में बोल गया।
मेरे यार ने कहा, "यह तो तुम लाख रुपए की बात कह रहे हो, लोग भी धीरे-धीरे शांत हो जाएँगे, चिल्लानेवाले में बस वही बचा रह जाएगा जिसपर आतंक की मार पड़ी हो। हाँ पर तुम एक बात बताओ इससे तुम्हारी चम गोटी का क्या लेना-देना?" मैंने कहा, "तुम भी जीवनभर बुरबक ही रह गए। मान लो, इसी तरह से आतंकवाद फलता-फूलता रहेगा तो एक दिन मुंबई से मुंसीपार्टी का पत्र मेरे पास आएगा कि हमें बहुत दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि आपके बाबूजी आतंक की भेंट चढ़ गए। आप जल्दी से आकर उनकी जगह पर नौकरी ज्वाइन कर लीजिए और हाँ एक बात और घबराने की कोई बात नहीं है और सरकार भी मृतक लोगों के परिवार को पाँच-पाँच लाख दे रही है। अब यार तुम ही बताओ, मुझ जैसे बेरोजगार के लिए इससे बड़ी खुशी की बात क्या होगी?"
मेरी बात सुनकर मेरा यार तो चिहा गया पर कुछ सोचकर बोला, "यार नकछेदन! केवल तुम्हारी ही गोटी चम नहीं है, तुम्हारे लड़के की भी गोटी चम है और अगर आतंकवाद ऐसे ही पैर जमाए रहा तो सियार-गिद्ध सबकी गोटी चम है।" मुझे थोड़ा गुस्सा आ गया और मैं पूछा कि अरे यार, तुम यह क्या बात कर रहे हो?
मेरे दोस्त चिखुरी ने कहा कि नाराज मत हो, जिस तरह से मुंसीपार्टी का पत्र तुम्हारे पास आएगा वैसे तुम्हारे लड़के के पास भी तो आएगा। और हाँ अगर आंतकवाद को रोका नहीं गया तो कोई पत्र लिखनेवाला भी नहीं बचेगा और सियार-गिद्ध मांस नोच-नोचकर निहाल हो जाएँगे। चिखुरी की यह बात सुनकर मेरी बोलती बंद हो गई और मैं दौड़ते हुए घर आया और बाबूजी को मुंबई जाने से रोक लिया।

(यह लेख तो काल्पनिक है। बस मैं यह कहना चाहता हूँ कि अगर समय रहते सरकार और भारत की जनता जगी नहीं तो बहुत देर हो जाएगी और सबकुछ तहस-नहस हो जाएगा। अगर जनता खुद ईमानदार नहीं बनेगी और स्वार्थ से ऊपर नहीं उठेगी तो सरकार और सफेदपोशों की तो वैसे ही गोटी चम है और चम है आतंकवाद की, भ्रष्टाचार की, अमरीका और पाकिस्तान की।
आज भारतीयों के लिए देश-प्रेम शब्द मात्र एक शब्द बन कर रह गया है। हम छोटी-छोटी समस्याओं में ही, अपने स्वार्थ में ही उलझ कर रह गए हैं। आज देश संबंधी समस्याओं की ओर किसी का ध्यान भी नहीं है। सबको बस अपने-अपने की पड़ी है। आज जातिवाद, क्षेत्रवाद, भाई-भतीजावाद, क्रिकेट के आगे राष्ट्रवाद नगण्य हो गया है। आज हम इतने गिर गए हैं कि अच्छे और बुरे का हमें ज्ञान ही नहीं रहा।)
जागो भारतवासियों जागो और निकम्मे नेताओं को छठी का दूध याद दिला दो ताकि देश और समाज हित में काम करनेवाला व्यक्ति ही नेता बने। नेता शब्द की गरिमा कायम रहे।
भारत माता की जय।

-प्रभाकर पाण्डेय 'गोपालपुरिया'

Views: 606

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sanjay Kumar Singh on July 25, 2010 at 2:32pm
achhi kahani , badi gahari soch aur gahri sandesh , badhiya rachna hai,
Comment by Prabhakar Pandey on July 21, 2010 at 9:51am
सादर धन्यवाद (भाई) गणेशजी।।

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on July 21, 2010 at 9:48am
प्रभाकर भईया , आप ने तो एक ही लेख मे बहुत सारी बाते कह दी है , एक पिता को आतंकवाद का भय, माँ को बच्चो के लालन पालन का भय , एक बेरोजगार बेटा की मनोस्थिति , उसके दोस्त का समझाने का तरिका , बहुत बढ़िया लिखे है , बधाई ,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय प्रेम जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले ग़ौर…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ ,बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी  बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए और बेहतर सुझाव के लिए सुधार करती हूँ सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी बहुत शुक्रिया हौसला अफ़ज़ाई के लिए आपका मक़्त के में सुधार की कोशिश करती हूं सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी बेहतर इस्लाह ऑयर हौसला अफ़ज़ाई के लिए शुक्रिया आपका सुधार करती हूँ सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी और अमीर जी के सुझाव क़ाबिले…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी नमस्कार बहुत ही लाज़वाब ग़ज़ल हुई बधाई स्वीकार कीजिये है शेर क़ाबिले तारीफ़ हुआ ,गिरह भी…"
1 hour ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी आदाब, और प्रस्तुति तक पहुँचने के लिए आपका आपका आभारी हूँ। "बेवफ़ा है वो तो…"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
" आदरणीय मुसाफिर जी नमस्कार । भावपूर्ण ग़ज़ल हेतु बधाई। इस्लाह भी गुणीजनों की ख़ूब हुई है। "
2 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीया ऋचा यादव जी नमस्कार । ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी आदाब, अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ। तेरे चेहरे पे शर्म सा क्या…"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service