For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

है शिकायत दिल को ऐसा क्यूँ नहीं.....{.ग़ज़ल } संतोष

 अरकान : फ़ाइलातून   फ़ाइलातून  फ़ाइलुन  

है शिकायत दिल को ऐसा क्यूँ नहीं
जब तू मेरा है तो लगता क्यूँ नहीं

जब नज़र से मिल नहीं पाती नज़र
ख़्वाब से बाहर निकलता क्यूँ नहीं

लग रही है क्यूँ थमी दुनिया मुझे
तू भी मौसम सा बदलता क्यूँ नहीं

है ज़बाँ चुप और धड़कन तेज़ है
तू इशारों को समझता क्यूँ नहीं

जिस्म ठण्डा पड़ गया'संतोष' का
आग अपनी उसको देता क्यूँ नहीं

#संतोष खिरवड़कर
{ मौलिक एवं अप्रकाशित }

Views: 694

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by santosh khirwadkar on September 8, 2017 at 7:37pm

शुक्रिया आदरणीय समर साहब चरण स्पर्श,
वास्तव में इस मंच पर स्पष्ट करना चाहता हूँ मेरे साधारण से शब्दों को आपके इस्लाह ,मार्गदरशन ,आशीर्वाद के बग़ैर 'सुन्दर ग़ज़ल " का रूप देना मेरे जैसे प्रशिक्षु के लिए असंभव ही है ! भविष्य में भी आप का ये आशीर्वाद सदा ही अपेक्षित ! जहाँ तक प्रयत्न का प्रश्न है वो मैं सतत ही करता रहूँगा !

Comment by Samar kabeer on September 8, 2017 at 3:25pm
संतोष जी आदाब, ग़ज़ल पर प्रयास करते रहें,मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं ।
Comment by santosh khirwadkar on September 8, 2017 at 12:39pm
शुक्रिया आदरणीय गुप्ता जी ...हृदय से धन्यवाद!!!
Comment by रामबली गुप्ता on September 7, 2017 at 10:08pm
अच्छी ग़ज़ल हुई है संतोष जी हार्दिक बधाई स्वीकारें।सादर

'लग रही क्यूं थमी दुनिया मुझे' ....मुझे या तुझे?

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
2 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
2 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
2 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
2 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
3 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी ठीक है  मशविरा सब ही दे रहे हैं पर/ मगर ध्यान रख तेरे काम का क्या है ।"
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई।"
4 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय मिथिलेश जी सादर नमस्कार। बहुत बहुत आभार आपका।"
4 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सादर नमस्कार। बहुत बहुत शुक्रियः आपका"
4 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई आपको।"
4 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सम्माननीय ऋचा जी । बहुत बहुत आभार"
4 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service