For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

शराफ़त (लघुकथा)/शेख़ शहज़ाद उस्मानी

"तुम्हारे अब्बू तो बस क़िताबी बातें करते रहेंगे! तू तो छोड़-छाड़ अपने शौहर को!" मायके में आई अपनी लाड़ली बिटिया सलमा को समझाते हुए उसकी अम्मी ने कहा- "तुझे इतना पढ़ा-लिखा कर नौकरी इसलिए नहीं करवाई है कि तू शौहर से यूं दब कर रहे। आख़िर उसकी औक़ात क्या है, तू उससे तिगुना कमाती है!"

"तुम सही कहती हो अम्मी! ऐसे आदमी के साथ ज़िंदगी जीना तो मेरे लिए बहुत मुश्किल है, यहां अब्बू से परेशान रही और वहां शौहर और ससुर के उसूलों से!"

"अपनी सहेली नग़मा को देखो, शौहर को छोड़ अपने बेटे के साथ मज़े की ज़िंदगी जी रही है!"

"अम्मी, मेरा आदमी न तो यहां आयेगा अपने मां-बाप को छोड़ कर और न ही तलाक़ देगा मुझे! तुम्हारे बताये सब तरीके आजमा लिए मैंने!"

"तो तू ऐसा कर, अब यहीं रह, देखते हैं, वो कैसे तेरा तबादला अपने शहर में करवाता है? दोनों तरफ के पांच-पांच रिश्तेदार बुलाकर काजी साहब से तलाक़ करवा लेंगे, कोई बोझ नहीं है तू हम पर!"

तभी सलमा की फूफीजान आकर बोलीं -" बिटिया रानी, मेरा शौहर भी ऐसा ही था, मैं तो छोड़-छाड़ के यहां आ गई! न तो तलाक़ होने दी और न ही उनका दूसरा निकाह होने दिया। ज़मीन-जायदाद का हिस्सा भी ले लिया बेटे के नाम!"

"फूफीजान, तुम तो अपने साथ अपना बेटा भी ले आयीं थीं अपनी नौकरी की बदौलत! मेरी तो नन्ही सी बिटिया है, मैं क्या करूं!"

इन औरतों की बातें जैसे ही सलमा के अब्बूजान के कानों पर पड़ीं, तो ग़ुस्से में वे बोल ही पड़े-" कोई बात नहीं, तुम्हारी नन्ही बिटिया की परवरिश भी तुम्हारी तरह इन औरतों से करवा ली जायेगी! दरअसल तुम लोग मुसलमान कहलाने लायक ही नहीं हो! न शरिअ़त की समझ है, न शराफ़त और शरीफ़ इंसान की!"

तीनों औरतें एक-दूसरे की शक्लों को देख रहीं थीं। अक़्ल और कानों पर पर्दे पड़े हुए थे।

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 786

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on May 1, 2017 at 4:28am
मेरी इस ब्लॉग पोस्ट पर समय देने व त्वरित टिप्पणी व हौसला अफज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मोहतरम जनाब मोहम्मद आरिफ साहब। ऐसे बच्चों की समस्याओं पर विचार साझा करने​के लिए सादर हार्दिक आभार।
Comment by Mohammed Arif on April 30, 2017 at 9:38pm
आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी आदाब,आजकल जिसे देखो वही तलाक का मुद्दा उछाल रहा है। लेकिन तलाक के दुष्परिणामों को कोई नहीं देख रहा है । तलाक चाहे बीवी माँगे या शौहर दूरगामी परिणाम में तो छोटे निरंकुश बच्चें ही ही पिसते हैं । मामला समझारी से सुलझा लिया जाय तो ही बेहतर है । आख़िरी पंच ने वह सबकुछ कह दिया जिसे औरतों को सीख लेनी चाहिए । बहुत बेहतरीन सामयिक लघुकथा । ढेरों बधाई क़ुबूल करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"ओबीओ के मंच से सम्बद्ध सभी सदस्यों को दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयाँ  छंदोत्सव के अंक 172 में…"
5 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, जी ! समय के साथ त्यौहारों के मनाने का तरीका बदलता गया है. प्रस्तुत सरसी…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह ..  प्रत्येक बंद सोद्देश्य .. आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, आपकी रचना के बंद सामाजिकता के…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई साहब, आपकी दूसरी प्रस्तुति पहली से अधिक जमीनी, अधिक व्यावहारिक है. पर्वो-त्यौहारों…"
7 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। आपकी सार्थक टिप्पणी से हमारा उत्साहवर्धन …"
7 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंद पर उपस्तिथि उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय  अखिलेश कॄष्ण भाई, आयोजन में आपकी भागीदारी का धन्यवाद  हर बरस हर नगर में होता,…"
7 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी छन्द पर उपस्तिथि और सराहना के लिए हार्दिक आभार आपका। दीपोत्सव की हार्दिक…"
7 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी हार्दिक बधाई इस प्रस्तुति के लिए ।"
7 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी छन्द पर उपस्तिथि और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ…"
7 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
" आदरणीय अखिलेश जी छन्द पर उपस्तिथि उत्साहर्धन और मार्गदर्शन के लिए आपका हार्दिक आभार। दीपोत्सव…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, आपकी प्रस्तुति में जिन चिह्नों से युग्मकों को अलग किया गया है उन्हें हटा दिया…"
7 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service