For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

- अंधे - ( लघु कथा )

" माई ओ माई ! " चिल्लाते हुए श्यामू ने राम रत्ती को आवाज़ लगाई।
" क्या है रे ! आज़ कौन सा तीर मार लाया ?"
" ये ले माई !" तेल से भरा डिब्बा और चावल उरद की कच्ची खिचड़ी सामने रख दी।
" वाह , और पैसे ?"
" ये ले पूरे 86 रूपये हैं ।"
" बहुत खूब बेटा ! दस-पन्द्रह दिन तो खाने का अच्छा जुगाड़ हो गया।"

" माई ! एक बात मेरी समझ में नहीं आती ?"
" क्या ?" सामान सहेजती रामरत्ती ने नज़रें उठाई।
" सारे लोग अपनी अला-बला ज़ादू -टोना हर शनिवार को इन चीजों के रूप दान करते हैं ,तो हम बीमार नहीं हो जायेंगें ?"

"रे बुद्दू ! आज़ तक कुछ हुआ क्या ?"
"नहीं ."
" देख बेटा! ये दुनियाँ अगर अंध विश्वासी न हो तो हम जैसों का पेट कैसे पलेगा। हम तो उन्हीं की अला-बला से पनप रहें हैं।

"माई ! लोगों को ये बात समझ नहीं आती ?"
" न ही आये तो , हमारा भला है।"

"मेरी बात गांठ बांध ले ये आलतू-फ़ालतू चीज़े ना सोचना।जितना हम इनको बेवकूफ़ बना पाएंगें जीना आसान हो जायेगा।"

" माई! पढ़ने-लिखने का क्या फायदा,अगर सही - गलत न देखे?"

"बेटा ! इनके अंधे बनने में ही हम लोगों का भला है।"


मौलिक एवम् अप्रकाशित।

Views: 674

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Rahila on November 2, 2015 at 12:33pm
बहुत ही जबरदस्त कटाक्ष अंधविश्वास पर प्रिय जानकी दी! बहुत अच्छा लगा आपकी रचना पढ़ कर । बहुत दिनों बाद पढ़ रही हूं मन प्रफुल्ल हो गया । सादर ।
Comment by amod shrivastav (bindouri) on November 2, 2015 at 10:26am
Wah बहुत खूब अंधविस्वास पर कटाक्ष वार
सादर बधाई
Comment by TEJ VEER SINGH on November 2, 2015 at 9:51am

हार्दिक बधाई आदरणीय जानकी जी!एक बेहद गंभीर विषय पर बहुत तीखा कटाक्ष!वह भी बाल मुख से!बहुत सुंदर!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

कुंडलिया छंद

आग लगी आकाश में,  उबल रहा संसार।त्राहि-त्राहि चहुँ ओर है, बरस रहे अंगार।।बरस रहे अंगार, धरा ये तपती…See More
40 minutes ago
Sushil Sarna posted blog posts
40 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सीमा के हर कपाट को - (गजल)-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

२२१/२१२१/१२२१/२१२कानों से  देख  दुनिया  को  चुप्पी से बोलना आँखों को किसने सीखा है दिल से…See More
40 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीया प्राची दीदी जी, आपको नज़्म पसंद आई, जानकर खुशी हुई। इस प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक…"
21 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर"
21 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, आपके प्रत्युत्तर की प्रतीक्षा में हैं। "
21 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आभार "
21 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय, यह द्वितीय प्रस्तुति भी बहुत अच्छी लगी, बधाई आपको ।"
21 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"वाह आदरणीय वाह, पर्यावरण पर केंद्रित बहुत ही सुंदर रचना प्रस्तुत हुई है, बहुत बहुत बधाई ।"
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर आभार।"
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन कुंडलियाँ छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
22 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service