For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

1 2 2     1 2 2    1 2 2    1 2 2

कहा कब कि दुनिया ये ज़न्नत नहीं है

तुम्हे पा सकें ऐसी किस्मत नहीं है //1//

मोहब्बत को ज़ाहिर करें भी तो कैसे

पिघलने की हमको इजाज़त नहीं हैं //2//

तो वादों की जानिब कदम क्यों बढ़ाएं
निभाने की जब कोई सूरत नहीं है. //3//

बहुत सब्र है चाहतों में तुम्हारी

नज़र में ज़रा भी शरारत नहीं है //4//

सुलगती हुई आस हर बुझ गयी, पर

हमें आँधियों से शिकायत नहीं है //5//

मौलिक और अप्रकाशित 

Views: 1506

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on December 21, 2013 at 3:15pm

ग़ज़ल आपको पसंद आयी प्रिय अरुण भाई..यह जान अच्छा लगा 

सादर धन्यवाद 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on December 21, 2013 at 3:15pm

सादर आभार आदरणीय नादिर खान जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on December 21, 2013 at 3:14pm

ग़ज़ल पर उत्साहवर्धक प्रतिक्रया के लिए सादर धन्यवाद आ० बैद्य नाथ जी 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on December 21, 2013 at 2:12pm

आदरणीया प्राची जी 

मोहब्बत को ज़ाहिर करें भी तो कैसे

पिघलने की हमको इजाज़त नहीं हैं //2//

बहुत सब्र है चाहतों में तुम्हारी

नज़र में ज़रा भी शरारत नहीं है //4/....आपकी इस बेहतरीन ग़ज़ल के ये दो शेर मुझे बेहद पसंद आये ..ताजगी से भरे इन शेरो के लिए तहे दिल बधाई स्वीकार करें ..सादर 

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 21, 2013 at 1:31pm

आदरणीया प्राची दीदी ग़ज़ल पर देरी से आ रहा हूँ इस हेतु क्षमा चाहता हूँ बहुत ही शानदार ग़ज़ल कही है आपने सभी अशआर कमाल के बन पड़े हैं. इस सुन्दर ग़ज़ल हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें.

दीदी इन दो अशआरों पर विशेष दाद कुबूल फरमाएं.

तो वादों की जानिब कदम क्यों बढ़ाएं
निभाने की जब कोई सूरत नहीं है. //3// वाह वाह वाह

सुलगती हुई आस हर बुझ गयी, पर

हमें आँधियों से शिकायत नहीं है //5// वाह वाह वाह

Comment by नादिर ख़ान on December 20, 2013 at 10:31pm

आदरणीया प्राची जी, आपकी गज़ल बहुत पसंद आयी ..

सभी शेर लाजवाब हैं ।

Comment by Saarthi Baidyanath on December 20, 2013 at 10:23pm

गज़ब का शेर है आदरणीया ...बेहद खुबसूरत 

तो वादों की जानिब कदम क्यों बढ़ाएं
निभाने की जब कोई सूरत नहीं है. ................मजा आ गया ग़ज़ल पढ़कर ...वाह 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on December 20, 2013 at 10:06pm

सादर धन्यवाद आ० सलीम रज़ा जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on December 20, 2013 at 10:05pm

ग़ज़ल पर सराहना के लिए आभार आ० उमेश कटारा जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on December 20, 2013 at 10:03pm

सादर धन्यवाद आ० विजय निकोर जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna posted blog posts
4 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम्. . . . . गुरु
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । विलम्ब के लिए क्षमा "
8 hours ago
सतविन्द्र कुमार राणा commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"जय हो, बेहतरीन ग़ज़ल कहने के लिए सादर बधाई आदरणीय मिथिलेश जी। "
13 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"ओबीओ के मंच से सम्बद्ध सभी सदस्यों को दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयाँ  छंदोत्सव के अंक 172 में…"
21 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, जी ! समय के साथ त्यौहारों के मनाने का तरीका बदलता गया है. प्रस्तुत सरसी…"
21 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह ..  प्रत्येक बंद सोद्देश्य .. आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, आपकी रचना के बंद सामाजिकता के…"
22 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई साहब, आपकी दूसरी प्रस्तुति पहली से अधिक जमीनी, अधिक व्यावहारिक है. पर्वो-त्यौहारों…"
22 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। आपकी सार्थक टिप्पणी से हमारा उत्साहवर्धन …"
22 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंद पर उपस्तिथि उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की…"
23 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय  अखिलेश कॄष्ण भाई, आयोजन में आपकी भागीदारी का धन्यवाद  हर बरस हर नगर में होता,…"
23 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी छन्द पर उपस्तिथि और सराहना के लिए हार्दिक आभार आपका। दीपोत्सव की हार्दिक…"
23 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी हार्दिक बधाई इस प्रस्तुति के लिए ।"
23 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service