For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सफर में चलते रहना ही हमारी कामयाबी है (गज़ल)

अरकान : १२२२/ १२२२/ १२२२/ १२२२

गिरें  तो  फिर  सम्हलना  ही  हमारी  कामयाबी है !

सफर  में  चलते  रहना  ही  हमारी  कामयाबी  है !

 

नही  ये कामयाबी  है  कि  मंजिल  पा  लिया हमने

सही   राहों  पे  चलना   ही  हमारी  कामयाबी  है !

 

मुहब्बत   में   तुम्हारी   हार   ही  हरबार पाए, पर

मुहब्बत  तुमसे  करना  ही  हमारी   कामयाबी  है !

 

भले   ही  मौत  आए, पर सहेंगे  अब  नही जालिम

मरे  तो  लड़  के  मरना ही  हमारी  कामयाबी  है !

 

तुम्हारे प्यार में जो गम, खुशी  हमको  मिली  जानम

गज़ल  में  उसको   भरना  ही  हमारी  कामयाबी है !

 

-पीयूष भारत

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 998

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by पीयूष द्विवेदी भारत on September 24, 2013 at 2:21pm

शुक्रिया, रविकर भाई ! अच्छी कुण्डलिया, आपको भी बधाई !

Comment by रविकर on September 24, 2013 at 2:19pm

बढ़िया गजल-
शुभकामनायें आदरणीय-

भटके राही लक्ष्य बिन, भट के झूठे युद्ध |
आशिक रूठे रूह से, देखूं ढोंग विशुद्ध |


देखूं ढोंग विशुद्ध, लगा सज्जन उकसाने |
बातें नीति विरुद्ध, बुद्ध पर लगा कहाने |


गा मनमाने गीत, दिखा के लटके-झटके |
मान बैठता जीत, जगत में क्यूँकर भटके ||

Comment by पीयूष द्विवेदी भारत on September 24, 2013 at 1:22pm

आपको ये गज़ल अच्छी लगी, ये इस गज़ल के प्रति काफी आश्वस्त करता है, आदरणीय अभिनव जी ! बहुत बहुत शुक्रिया !

Comment by पीयूष द्विवेदी भारत on September 24, 2013 at 1:20pm

शुक्रिया, आ. शशी जी !

Comment by Abhinav Arun on September 24, 2013 at 1:12pm

लाजवाब ग़ज़ल हर शेर उम्दा है पियूष जी बहुत बधाई और शुभकामनायें !!

 

नही  ये कामयाबी  है  कि  मंजिल  पा  लिया हमने

सही   राहों  पे  चलना   ही  हमारी  कामयाबी  है !

 

                     -- ये ख़याल बनायें रहे कामयाब होंगे !!

Comment by shashi purwar on September 24, 2013 at 10:59am

bahut khoob

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"जी सहृदय शुक्रिया आदरणीय इस मंच के और अहम नियम से अवगत कराने के लिए"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय दयाराम मैठानी जी बहुत बढ़िया ग़ज़ल कही है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"मेरे कहे को मान देने के लिए हार्दिक आभार। आपका सुधार श्लाघनीय है। सादर"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"मेरे कहे को मान देने के लिए हार्दिक आभार। सादर"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"मेरे कहे को मान देने के लिए हार्दिक आभार। सादर"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय इस मंच पर न कोई उस्ताद है न कोई शागिर्द। यहां सभी समवेत भाव से सीख रहे हैं। यहां गुरु चेला…"
2 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"बहुत ख़ूब ग़ज़ल हुई आदरणीय रिचा जी बधाई स्वीकार करें"
3 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service