For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मुकरियां (एक प्रयास)

वह अरूप सबके मन भाए
सुध-बुध सबके वह बिसराए
चारू चरण पावन सुखधाम
क्या सखि साजन ? नहीं सखि श्याम
 .
रेशम-रेशम जिसकी बातें
रतनारी जिसकी सौगातें
बड़ा सुहाना एक चितचोर
क्या सखि साजन ? नहीं सखि भोर
.
मायावी वो छैल छबीली
करती बातें बड़ी नशीली
पाद उदर नहीं लोचन गात
क्या सखा सजनी ?  नहीं जी रात
 .
तिनका-तिनका स्‍कैन करे वो
सबको ही बेचैन करे वो
मुस्टंडा है बेहद बकटेट
क्या सखि साजन ?  नहीं सखि जेठ

Views: 797

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by राजेश 'मृदु' on November 23, 2012 at 5:37pm

आदरणीय सौरभ जी, आपकी टि‍प्‍पणी से बड़ी राहत मिली ।  ओ बी ओ में ही मुकरियों पर आपका एक आलेख भी मिला जिससे जितना कुछ अबतक सीख पाया मैंने प्रस्‍तुत किया । प्रयास जारी रखूंगा, सादर


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on November 23, 2012 at 5:19pm

//मुस्टंडा है बेहद बकटेट //

हा हा हा हा... हार्दिक धन्यवाद स्वीकार करें, आदरणीय राजेशभाईजी. वाह !  इसे कहते हैं संवेदनशीलता और पद्य विन्यास का साहस !

वस्तुतः, बहुत ही महीन लकीर है, आंचलिक शब्द-प्रयोग में और भदेसपन में. अभी तक अच्छे-अच्छों को यहाँ फँसते देखा है हमने. तो कुछ इस अंतर की महीनी समझ ही नहीं पाते. कारण कि, रचनाकार थोड़ा भी असंयत हुआ नहीं कि अच्छी-खासी कोशिश मोरी में बही दिखती है.

कुल मिला कर मुकरियों पर आपका प्रयास बेहतर और रुचिकर हुआ है.

राजेश भाईजी, आपकी रचनाओं पर यथोचित दृष्टि बनी रहती है. आपका स्वाध्याय और रचना-कर्म सतत बने.

शुभेच्छा

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"अगर ये ग़ज़ल बेकार है आदरणीय अमित जी तो कुछ सुझाव दे दीजिए आप कुछ सुझाव दे दीजिए सादर"
11 minutes ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"हार्दिक आभार आदरणीय सादर"
29 minutes ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"हार्दिक आभार आदरणीय सादर"
29 minutes ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"हार्दिक आभार आदरणीय सादर"
29 minutes ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"हार्दिक आभार आदरणीय सादर"
30 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय Aazi Tamaam जी आदाब  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास पर बधाई स्वीकार करें। २१२२ १२१२ २२ यूँ…"
30 minutes ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"हार्दिक आभार आदरणीया सादर"
30 minutes ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"हार्दिक आभार आदरणीय सादर"
31 minutes ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आप कुछ सुझाव दे दीजिए आदरणीय हार्दिक आभार आदरणीय सादर"
36 minutes ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"जी मैं पहले मुशायरे में हर बार आता था थोड़ी बहुत शायरी मैंने यहीं सीखी  लेकिन अब तरही ग़ज़ल नहीं…"
39 minutes ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"हार्दिक आभार आदरणीय सादर"
41 minutes ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"अपना ख़्याल रखिये सर मुशायरे तो होते रहेंगे सादर"
43 minutes ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service