भुजंग तुम
वतन के लिए
व्याल हम
वतन के लिए
कलंक तुम
वतन के लिए
तिलक हम
वतन के लिए
दुश्मन हो
वतन के लिए
ढाल हम
वतन के लिए
हार तुम
वतन के लिए
जीत हम
वतन के लिए
जीना है
वतन के लिए
मरना है
वतन के लिए
शांति है
वतन के लिए
क्रांति है
वतन के लिए
हम एक हैं
वतन के लिए
राजगुरु भगत सुखदेव है
वतन के लिए
आजाद थे आजाद है आजाद रहेंगे
वतन के लिए
Comment
adarniya mishr ji, sadar abhivadan. sarahna hetu hardik abhar.
अन्तंत ही विद्रोही विचार ......अभिवादन स्वीकार करे ...
आदरणीय संजय जी, सादर अभिवादन.
गहरे अन्तर्निहित भाव लिए देश को समर्पित खुबसूरत रचना....
सादर बधाई प्रदीप भाई जी.
वन्दे मातरम.
आदरणीय अरुण जी, सादर अभिवादन , आप को पसंद आयी , समर्थन, शामिल होने के लिए धन्यवाद ,वन्दे मातरम्.
आदरणीया राजेश कुमारी जी, सादर अभिवादन , आप को पसंद आयी , धन्यवाद ,वन्दे मातरम्.
आदरणीय अविनाश जी, सादर अभिवादन , आपने रस लिया. वन्दे मातरम्. धन्यवाद
स्नेही महिमा जी, सादर आमीन. धन्यवाद.
आदरणीयहरीश जी , सादर अभिवादन. आपका स्नेह ही है. धन्यवाद
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