For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मत्तगयंद सवैया: अलका चंगा

छाँव बने तन भाव जगे मन चाव सजे चहकी फुलवारी ,
पावन भाव जगे मन में जब मात बनी यह देह हमारी,
ये वरदान मिला जग में जब बिटिया खेलत गोद हमारी,
चाव जगे इस जीवन के जब आँगन बीच सजी किलकारी,
.
नन्हि परी जब मात पुकारत आतम हो जय धन्य हमारी
झांझर डोलत कोयल बोलत व्याकुल हो महकी अंगनारी
मीत सखी बन जाय सदा सब बात सुने अब मोरि दुलारी
मान करे सबका फिर भी प्रतिपात सहे जग में हर नारी
.
जोगन प्रीत तजे रसना सब भोग सजे मुख खावत नाही
कृष्ण सदा बसते मन में सब भार हटे दुःख आवत नाही
साधु जपे सत् संग करे हरि नाम बिना कुछ चाहत नाही
भाव बिना मन चाव बिना तन छाँव बिना सुख पावत नाही
.
मौलिक/अप्रकाशित

Views: 620

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अलका 'कृष्णांशी' on October 7, 2016 at 7:22pm

"प्रयास पर उपस्थित होकर प्रोत्साहित करने के लिए बहुत बहुत आभार" आदरणीया कल्पना जी 

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on October 6, 2016 at 9:45pm

छंद का ज्ञान तो नहीं है पर रचना बहुत अच्छी लगी | हार्दिक बधाई आदरणीया अलका जी |

Comment by अलका 'कृष्णांशी' on September 26, 2016 at 11:10pm
आदरणीय रामबली गुप्ता जी ।रचना को समय देने के लिए धन्यवाद । सवैया पर ये मेरा पहला प्रयास है अभी और सीखना है मुझे ।आपके मार्गदर्शन अनुसार संशोधन का प्रयास करूंगी। आभारी हूँ की अपने समय देकर त्रुटियाँ बताईं।सादर
Comment by अलका 'कृष्णांशी' on September 26, 2016 at 11:03pm
आदरणीय शिज्जु शकूर जी । आपको रचना पसन्द आई धन्यवाद,,,,होसला अफ़ज़ाई के लिए आभार आपका।सादर
Comment by रामबली गुप्ता on September 26, 2016 at 9:06pm
सुंदर रचनाएँ हुई हैं आदरणीया। बधाई स्वीकार करें।
साध को साधु
हरी को हरि
कर लें।
साध जपे सत्संग करे ________ में शिल्पभंग प्रतीत हो रहा है।
नन्ही को आपने नन्हि लिखा है जो ही पर मात्रापतन करके किया गया है। अमूमन भारतीय छंदों में मात्रा पतन की छूट नही होती। फिर भी इस विषय पर मैं अन्य सुधीजनों की राय भी जानना चाहूगा। बाकी सब शुभ-शुभ।सादर

सात भगण और पदांत में दो गुरु रखने से मत्तगयन्द वर्णवृत्ति की निष्पत्ति होती है आद0 शिज्जु शकूर भाई जी।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on September 26, 2016 at 3:43pm

आ. अलका जी इस छंद के शिल्प के बारे में जानकारी शून्य है, मगर प्रवाह और भावाभिव्यक्ति अच्छी लगी, बधाई स्वीकार करें

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आपने प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया गजल कही है। गजल के प्रत्येक शेर पर हार्दिक…"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"गजल**किसी दीप का मन अगर हम गुनेंगेअँधेरों    को   हरने  उजाला …"
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई भिथिलेश जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर उत्तम रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"दीपोत्सव क्या निश्चित है हार सदा निर्बोध तमस की? दीप जलाकर जीत ज्ञान की हो जाएगी? क्या इतने भर से…"
23 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"धन्यवाद आदरणीय "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"ओबीओ लाइव महा उत्सव अंक 179 में स्वागत है।"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"स्वागतम"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' left a comment for मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, करवा चौथ के अवसर पर क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस बेहतरीन प्रस्तुति पर…"
Thursday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service