For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

 रिमझिम सावन की फुहार आज मेरा भैय्या आएगा

आया तीजो का त्यौहार साथ मुझे लेके जाएगा

अम्बर पे बादल छाये

सखियों ने झूले पाए

भाभी ने गायी कजरी

बाबा जी घेवर लाए

कर लूँ अब मैं तनिक सिंगार आज मेरा भैया आएगा

आया तीजो का त्यौहार साथ मुझे लेके जाएगा

दीवार पे कागा बोले

यादों की खिड़की खोले

अम्मा ने संदेसा भेजा

सुनसुन मेरा मन डोले

मायके से आया तार आज मोरा भैया आएगा

आया तीजो का त्यौहार साथ मुझे लेके जाएगा

ननदी जी सुनो जरा सा

कुछ कर लो काम जरा सा

चौका बर्तन करने को

क्यूँ मन है डरा डरा सा

मुझसे मत करना तकरार आज मेरा भैया आएगा

आया तीजो का त्यौहार साथ मुझे लेके जाएगा

सासू जी खाना पकालो

अपने कुनबे को खिलालो

सैंया जी दफ्तर छोड़ो

दोनों बच्चों को सँभालो

अब मैं हो जाऊँ तैयार आज मेरा भैया आएगा

 आया तीजो का त्यौहार साथ मुझे लेके जाएगा

मौलिक एवं अप्रकाशित 

Views: 1203

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on August 22, 2015 at 12:21pm

आ० सौरभ जी ,आपकी सराहना पाकर ये कजरी गीत धन्य हो गया दिल से बहुत बहुत आभार आपका सादर .


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 21, 2015 at 12:14am

वाह वाह ! मन खुश हो गया इस श्रावणी गीत पर आदरणीया.. हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाइयाँ. 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on August 11, 2015 at 7:53pm

प्रिय प्रतिभा पाण्डेय जी ,सही कहा आपने अब वो संस्कृति ही विलुप्त हो रही है कजरी गीत  लिखना मेरा उसी पारंपरिक संस्कृति को पुनर्जीवित करने का प्रयास भर है |आपको पसंद आया दिल से आभार | 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on August 11, 2015 at 7:50pm

मिथिलेश भैया कजरी गीत आपको पसंद आया बहुत बहुत शुक्रिया 

Comment by pratibha pande on August 10, 2015 at 2:10pm
मायके से आया तार,आज मेरा भैया आयगा अब तो वो प्यार ,जो आता था ज़रिये तार . सब बंद हो गया. बहुत प्यारी सी रचना है ये ,बधाई आपको आ० राजेश कुमारी जी

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on August 10, 2015 at 12:04pm

आदरणीया राजेश दीदी बहुत सुन्दर कजरी गीत हुआ है. गुनगुनाते हुए आनंद आ गया. बहुत बहुत बधाई इस मनमोहक गीत के लिए. सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

धर्मेन्द्र कुमार सिंह posted a blog post

जो कहता है मज़ा है मुफ़्लिसी में (ग़ज़ल)

1222 1222 122-------------------------------जो कहता है मज़ा है मुफ़्लिसी मेंवो फ़्यूचर खोजता है लॉटरी…See More
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सच-झूठ

दोहे सप्तक . . . . . सच-झूठअभिव्यक्ति सच की लगे, जैसे नंगा तार ।सफल वही जो झूठ का, करता है व्यापार…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

बालगीत : मिथिलेश वामनकर

बुआ का रिबनबुआ बांधे रिबन गुलाबीलगता वही अकल की चाबीरिबन बुआ ने बांधी कालीकरती बालों की रखवालीरिबन…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक ..रिश्ते
"आदरणीय सुशील सरना जी, बहुत बढ़िया दोहावली। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर रिश्तों के प्रसून…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, प्रस्तुति की सराहना के लिए आपका हृदय से आभार. यहाँ नियमित उत्सव…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, व्यंजनाएँ अक्सर काम कर जाती हैं. आपकी सराहना से प्रस्तुति सार्थक…"
Sunday
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी सूक्ष्म व विशद समीक्षा से प्रयास सार्थक हुआ आदरणीय सौरभ सर जी। मेरी प्रस्तुति को आपने जो मान…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी सम्मति, सहमति का हार्दिक आभार, आदरणीय मिथिलेश भाई... "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"अनुमोदन हेतु हार्दिक आभार सर।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन।दोहों पर उपस्थिति, स्नेह और मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत आभार।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ सर, आपकी टिप्पणियां हम अन्य अभ्यासियों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होती रही है। इस…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार सर।"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service