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दिल में सवाल था ,

दिल में सवाल था ,
बड़ा बेमिसाल था ,
लेकिन हम डर डर के ,
अनोखा काम किया ,
था तो सुंदर वो ,
उसको सजाकर मैं ,
अति सुंदर किया ,
जिस के पास भाई ,
अह ना आये ,
उसी का नाम गुरु ,
सही में कहलाये ,
आपने जो कहा ,
वही सर आखो पे ,
मेरे लिए कुछ भी करे ,
सर अब ना डरे ,
डर से अपना ही ,
होना नुकसान था ,
दिल में सवाल था ,
बड़ा बेमिसाल था ,

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Comment by baban pandey on June 10, 2010 at 5:53pm
सर अब ना डरे ,
डर से अपना ही ,
होना नुकसान था ,
दिल में सवाल था ,
बड़ा बेमिसाल था ,
क्या लाइन लिखी गयी है .....इसकी व्याख्य तो पुस्तक का रूप ले सकती है ..बहुत अच्चा गुरु जी
Comment by satish mapatpuri on June 10, 2010 at 2:55pm
सर अब ना डरे ,
डर से अपना ही ,
होना नुकसान था ,
दिल में सवाल था ,
बड़ा बेमिसाल था ,
आप बातों- बातों में बहुत बड़ी बात कह जाते हैं गुरूजी . धन्यवाद.

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