For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तमन्ना

इस चमन की सुमन खिलते रहें
सुख दुःख में हम मिलते रहें
लाख कोशिश करे हमें तोड़ने की
हम जुड़े हुवे हम जुड़ते रहें

इंद्रधनुषी रंग छाते रहें
खुशियों के गीत गाते रहें
लहू के रंग फैलायें न कोई
हम जगे हुवे हम जगते रहें

पक्षियों का कलरव गूंजता रहे
पर्वतों को गगन चूमता रहे
आँधियाँ चाहे चले जोर से
हम अडिग हुवे हम अडिग रहें

झरने कल कल झरते रहें
विकास पथ पर बढ़ते रहें
भूल से भी न रोके कोई
हम अजये विजयी रहें

हिम शिखर चमकते रहें
सागर पर लहरें मचलती रहें
आ जाए चाहे बर्फीली हवा
जोशीले थे जोशीले रहें

तिरंगा हमारा लहराता रहे
राष्ट्र गान भाता रहे
कुदृष्टि न जाने कोई
स्वाभिमानी हम स्वाभिमानी रहें

ईद दिवाली मनाया करें
हो अजान शंख बजाया करें
हरी ॐ गूंजे ब्रह्माण्ड में
हम शांति पंछी शांति फैलाया करे

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 468

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Shyam Mathpal on April 6, 2015 at 8:01pm

आदरणीय डॉ.गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी,आ.कृष्णा मिश्रा जी,आ.मिथलेश वामनकर जी व आ.हरी प्रकाश दुबे जी आप सभी का तहे दिल से आभार.

Comment by Hari Prakash Dubey on April 5, 2015 at 8:49pm

बहुत बढ़िया  आदरणीय श्याम मठपाल जी , बधाई प्रेषित ! सादर 

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on April 5, 2015 at 5:11pm

हम शांति पंछी शांति फैलाया करे..
सुन्दर रचना पर बधाई आदरणीय!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on April 5, 2015 at 1:12am

सुन्दर प्रस्तुति 

बधाई 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on April 4, 2015 at 5:45pm

आ० महिपाल जी

ईश्वर आपकी तमन्ना पूरी करे . सादर .

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"शेर क्रमांक 2 में 'जो बह्र ए ग़म में छोड़ गया' और 'याद आ गया' को स्वतंत्र…"
2 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"मुशायरा समाप्त होने को है। मुशायरे में भाग लेने वाले सभी सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार। आपकी…"
2 hours ago
Tilak Raj Kapoor updated their profile
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई जयहिन्द जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है और गुणीजनो के सुझाव से यह निखर गयी है। हार्दिक…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई विकास जी बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है।गुणीजनो के सुझाव से यह और निखर गयी है। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। मार्गदर्शन के लिए आभार।"
3 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। समाँ वास्तव में काफिया में उचित नही…"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, हार्दिक धन्यवाद।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई तिलक राज जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, स्नेह और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए…"
3 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय तिलकराज कपूर जी, पोस्ट पर आने और सुझाव के लिए बहुत बहुत आभर।"
3 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service