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दर्द (तीन मुक्‍तक)

(1)

 

दर्द ए दिल से पहचान यारो मेरी बहुत पुरानी है

आँखो के अश्‍को की यारो देखो अलग कहानी है

थे पास जब वो मेरे जीवन की अलग रवानी थी

नहीं आयेगी जीवन में बीती शाम जो सुहानी है

 

(2)

मेरे भी दर्द ए दिल को काश कोई  जान लेता
आँखो में छुपे अश्‍को को भी काश जान लेता
कितना दर्द यारो हमें बिछुडने का अपनो से
मेरे दर्द भरे शब्‍दे से ही काश कोई जान लेता

 

(3)

किसने किसको दर्द दिया  ना जान पाया मैं

कैसे टूटे स्‍वपन सुहाने ये  ना जान पाया मैं

किसकी नजर लगी जो रूठ गये है वो हमसे

लौटेगा दिन सुहाना ये भी ना जान पाया मैं

 

 

मौलिक एवं अप्रकाशित अखंड गहमरी

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Comment

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Comment by Sushil Sarna on December 24, 2016 at 3:27pm

वाह आदरणीय दर्द पर बहुत सुंदर मुक्तकों की प्रस्तुति दी है आपने।  हार्दिक बधाई सर। 

Comment by Akhand Gahmari on December 24, 2016 at 2:56pm

Comment by Akhand Gahmari on December 27, 2013 at 10:43pm

आदरणीय सौरभ पांडे जी आपके आर्शीवाद एवं मार्गदर्शन का फल है आपके मार्गदर्शन एवं विचारो को अपना कर हम जरूर आपके मानको पर खरा उतरेगें।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 27, 2013 at 10:38pm

आपकी इस कोशिश से मन प्रसन्न है भाईजी. बहुत ही सार्थक प्रयास है यह. सतत प्रयत्नशील रहें

शुभ-शुभ

Comment by Akhand Gahmari on December 27, 2013 at 1:58pm

आदरणीय डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव उत्‍साहवर्धन एवं आपके मार्गदर्शन के हम सदैव आकांक्षी है प्रणाम स्‍वीकार करें आपके मार्गदर्शन में आप के मानको पर खरा उत सकू इसके लिये सदैव प्रत्‍यनशील

Comment by Akhand Gahmari on December 27, 2013 at 1:56pm

आदरणीय गीत जी उत्‍साहवर्धन एवं आपके मार्गदर्शन के हम सदैव आकांक्षी है प्रणाम स्‍वीकार करें

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 27, 2013 at 1:51pm

गहमरी जी

आपको निखरता देखकर ह्र्दय आनंदित है i  निरंतर और बेहतर ---- और -----

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on December 27, 2013 at 10:16am

सुंदर भाव आदरणीय अखंड जी, हार्दिक बधाई स्वीकारें

Comment by Akhand Gahmari on December 27, 2013 at 10:09am

आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव उत्‍साहवर्धन एवं आपके मार्गदर्शन के हम सदैव आकांक्षी है प्रणाम स्‍वीकार करें

Comment by Akhand Gahmari on December 27, 2013 at 10:08am

आदरणीया कल्पना रामानी जी उत्‍साहवर्धन एवं आपके मार्गदर्शन के हम सदैव आकांक्षी है प्रणाम स्‍वीकार करें

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