For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

खिलखिला के आई जवानी ..............कविता

कामनाओ ने ली अंगडाई

होने लगी रुत मस्तानी,

बचपन बिता जागी उमंगें

खिलखिला के आई जवानी |

आँखों में जागे सतरंगी सपने

बीत गए बचपन के दिन वो अपने,

मन मयूर मस्त हो गाने लगा

सपनो में खो जाने लगा,

अंग -अंग में एक नया नशा

बदलने लगी सोच दिशा,

छुट गयी हर चीज़ पुरानी

बचपन बिता जागी उमंगें

खिलखिला के आई जवानी |

लम्बी डगर पे पहला कदम

मदहोश हुआ जाये मन,

जीवन के नए तराने

मेरा मन लगा है गाने,

मन को भली लगे तन्हाई

कानो में गूंजे शहनाई,

दुनिया लगे है मुझको नुरानी

बचपन बिता जागी उमंगें

खिलखिला के आई जवानी |

कामनाओं का अजब संसार

खुद से ही हो जाता है प्यार,

मन का पंछी कुछ गाता है

अनजाने ख्यालो में खो जाता है,

महक -महक जाता है मन

बहक- बहक जाता है तन

मुझको होती है हैरानी ,

बचपन बिता जागी उमंगें

खिलखिला के आई जवानी |

उड़ने को मन एक ऊँची उड़ान

छेड़ने लगा कोई मीठी तान,

सावन सी तन पे पहली फुहार

बहने लगी सुगन्धित बयार,

तन बदन में तड़पन -तड़पन

अंगो में अब खनकन- खनकन

जैसे घटा से बरसे पानी,

बचपन बिता जागी उमंगें

खिलखिला के आई जवानी |

ना पाबंदी ना कोई सवाल

मैं मचाने लगा धमाल,

याद किसकी सताने लगी है

नींद अब जगाने लगी है,

मन का कोई छेड़े सितार

होने लगा है किसी से प्यार,

बनने लगी है कोई कहानी

बचपन बिता जागी उमंगें

खिलखिला के आई जवानी |

                  ..................... रचना    “डॉ. अनुराग सैनी “

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 967

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by डॉ. अनुराग सैनी on September 25, 2013 at 3:46pm

आभार आप सभी का !

Comment by अरुन 'अनन्त' on September 24, 2013 at 11:04pm

बेहद सुन्दर रचना आदरणीय बधाई स्वीकारें

Comment by Neeraj Neer on September 24, 2013 at 7:32pm

बढियां नज़्म .. बधाई 

Comment by annapurna bajpai on September 24, 2013 at 3:58pm

saundar ati sundar rachna  badhai apko , adarniy Anurag ji .

Comment by रविकर on September 24, 2013 at 12:01pm

बढ़िया भाव -
अच्छा कथ्य-
आभार आदरणीय-

Comment by Parveen Malik on September 24, 2013 at 11:46am
अनुराग सैनी जी बहुत बढिया रचना ... बधाई...

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा पाण्डे जी, सार छंद आधारित सुंदर और चित्रोक्त गीत हेतु हार्दिक बधाई। आयोजन में आपकी…"
17 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी,छन्नपकैया छंद वस्तुतः सार छंद का ही एक स्वरूप है और इसमे चित्रोक्त…"
17 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी, मेरी सारछंद प्रस्तुति आपको सार्थक, उद्देश्यपरक लगी, हृदय से आपका…"
17 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा पाण्डे जी, आपको मेरी प्रस्तुति पसन्द आई, आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।"
17 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी"
18 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीय "
18 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी उत्साहवर्धन के लिये आपका हार्दिक आभार। "
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। चित्रानुरूप उत्तम छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
19 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय प्रतिभा पांडे जी, निज जीवन की घटना जोड़ अति सुंदर सृजन के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
19 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण जी, सार छंद में छन्न पकैया का प्रयोग बहुत पहले अति लोकप्रिय था और सार छंद की…"
19 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
19 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service