For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

वंदना हम कर रहे

माँ शारदे माँ शारदे

अज्ञान के अंधेरों से

तू हमें तार दे

हम तो अज्ञानी  हैं

ज्ञान से संवार दे

माँ शारदे------------

.

श्वेत वस्त्र धारणी

कमल पे विराजती

वीणा के तार की

झंकार दे झंकार दे

माँ  शारदे----------

.

चरणों में तेरे हम

शीश को झुका रहे

ज्ञान की ज्योति

हमको उपहार दे

माँ शारदे------------

 

 

मौलिक व अप्रकाशित------

Views: 738

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Pragya Srivastava on June 25, 2013 at 12:07am

अरूण  जी, माँ सरस्वती की कृपा सब पर बनी रहे....................धन्यवाद

Comment by अरुन 'अनन्त' on June 24, 2013 at 11:45am

जय माँ शारदे , बहुत ही सुन्दर वंदना की है आपने माँ अवश्य आपकी मुरादें पूर्ण करेंगी. प्रयास अच्छा हुआ है हार्दिक बधाई स्वीकारें.

Comment by sombirnaamdev on June 23, 2013 at 11:06pm

सुंदरे रचना

Comment by Anurag Singh "rishi" on June 23, 2013 at 5:06pm

बेहद सुन्दर रचना परम आराध्या माँ शारदे के चरणों में निवेदित की है माँ की आशीष हम सभी पर बना रहे
बहुत बहुत बधाई
सादर

Comment by D P Mathur on June 22, 2013 at 7:59am

अच्छी वंदना के लिए आपको बधाई !

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on June 22, 2013 at 5:20am

चरणों में तेरे हम

शीश को झुका रहे

ज्ञान की ज्योति

हमको उपहार दे

माँ शारदे----------

जय माँ शारदे जय माँ शारदे!

Comment by बृजेश नीरज on June 21, 2013 at 4:15pm

आपके इस प्रयास पर आपको बधाई!

Comment by aman kumar on June 21, 2013 at 1:34pm

जय माँ शारदे !

ज्ञान की ज्योति

हमको उपहार दे!

आभार .....

Comment by Shyam Narain Verma on June 21, 2013 at 1:18pm
इस प्रस्तुति हेतु बहुत-बहुत बधाई व शुभकामनाएँ.................

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहते हो बात रोज ही आँखें तरेर कर-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई बृजेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
1 hour ago
surender insan commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय नीलेश भाई जी सादर नमस्कार जी। अहा! क्या कहने भाई जी बेहद शानदार और जानदार ग़ज़ल हुई है। अभी…"
3 hours ago
Aazi Tamaam commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post शेष रखने कुटी हम तुले रात भर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय बधाई हो"
8 hours ago
Aazi Tamaam commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"अच्छी रचना हुई आदरणीय बधाई हो"
8 hours ago
Aazi Tamaam commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"अच्छी ग़ज़ल हुई आदरणीय बधाई हो 3 बोझ भारी तले को सुधार की आवश्यकता है"
8 hours ago
Aazi Tamaam commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय इस बह्र पर हार्दिक बधाई"
8 hours ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय सुरेंद्र इंसान जी इस ज़र्रा नवाज़ी का"
8 hours ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"बहुत शुक्रिया आदरणीय भंडारी जी इस ज़र्रा नवाज़ी का"
8 hours ago
surender insan commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आदरणीय सुरेश भाई जी  छन्न पकैया (सारछंद) में आपने शानदार और सार्थक रचना की है। बहुत बहुत बधाई…"
9 hours ago
surender insan commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरणीय आज़ी भाई आदाब। बहुत बढ़िया ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करे जी।"
10 hours ago
surender insan commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आदरणीय सौरभ जी सादर नमस्कार जी। ग़ज़ल पर आने के लिए और अपना कीमती वक़्त देने के लिए आपका बहुत बहुत…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आदरणीय सुरेश भाई ,सुन्दर  , सार्थक  देश भक्ति  से पूर्ण सार छंद के लिए हार्दिक…"
14 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service