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मेरे आंगन में आती

सुबह-सुबह

किरणे सूरज की

आंगन की बेल का उठ

अतिथि सत्कार करना

गमले में लगे

फूलो का महकाना

चिड़ियाओं ने गीत

गुनगुनाना ........

और इसके साथ ही 

मेरे घर के अंदर

दीवारों से

छिपकली

कोकरोच

और

उड़ते मच्छरों का

किसी कोने में

छुप जाना ......

मौलिक एवं अप्रकाशित 

- सुमित नैथानी 

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Comment

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Comment by Sumit Naithani on June 15, 2013 at 9:15am

आबिद जी ...धन्यवाद 

Comment by Sumit Naithani on June 15, 2013 at 9:15am

शालिनी जी ...कमी से अवगत कराने के लिए शुक्रिया ...आगे से ध्यान रखूँगा....

Comment by Abid ali mansoori on June 15, 2013 at 8:50am
आदरणीय सुमित भाई सुन्दर अभिव्यक्ति बधाई स्वीकार करेँ!
Comment by shalini rastogi on June 14, 2013 at 10:35pm

सुमित जी . प्रातःकाल का चित्रण करने का सुन्दर प्रयास .. परन्तु एक वर्तनी अशुद्धि खटक रही है ... अन्यथा न लेते हुए इस पर पुनः विचार करें 

चिड़ियाओं ने गीत

सर्वप्रथम 'चिड़ियाओं ' शब्द नहीं होता .. बहुवचन में चिड़ियों ही लिखा जाएगा .. दूसरे ,,कारक 'ने'  कि जगह 'का' प्रयोग सही है 

पंक्ति इस प्रकार रहेगी 

चिड़ियों का गीत गुनगुनाना ..

साभार

Comment by Sumit Naithani on June 14, 2013 at 4:26pm

आप सभी सदस्यों का, बहुत बहुत शुक्रिया ...साथ में होसला अफजाई के लिए धन्यवाद .............

Comment by Sumit Naithani on June 14, 2013 at 4:25pm

जवाहर जी ...धन्यवाद 

Comment by Sumit Naithani on June 14, 2013 at 4:24pm

जितेंदर जी..शुक्रिया 

Comment by Sumit Naithani on June 14, 2013 at 4:24pm

प्रज्ञा जी धन्यवाद 

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on June 14, 2013 at 4:18pm

बहुत ही बढ़िया सुमित जी, सहज भावाभिव्यक्ति!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on June 14, 2013 at 4:12pm
आदरणीय सुमित भाई, सुंदर प्रस्तुतिकरण...शुभकामनाऐं

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