For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अपना काम निकाल,भूल हमको वो जाता।
कहता उसको आम,बना जो भाग्य विधाता॥
मन पछताये खूब,बेल विष नेता बोया।
ठगे गये हम लोग,देख अपनापन खोया॥

हमको ले पहचान,वोट लेना जब होता।
सबसे दुआ-सलाम,कौल जमके वह करता॥
सुधरा चतुर सियार,लगे हर जन को गोया।
ठगे गये हम लोग,देख अपनापन खोया॥

जीता चतुर सियार,चाल अब बदली उसकी।
भूला सारे कौल,हौल अब मन में उठती॥
टूटे सारे ख्वाब,हृदय विह्वल हो रोया।
ठगे गये हम लोग,देख अपनापन खोया॥

Views: 618

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 1, 2013 at 9:55pm

विंध्येश्वरी त्रिपाठी जी बहुत बढ़िया रोला गीत ,हार्दिक बधाई आपको |

Comment by विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी on March 1, 2013 at 8:43pm
आदरणीय रविकर जी!
रचना की सराहना एवं उत्साहवर्द्धन के लिये आपका बहुत-बहुत आभार।
Comment by विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी on March 1, 2013 at 8:42pm
आदरणीया प्राची दीदी!अनुज के रचना की सराहना एवं उत्साहवर्द्धन के लिये आपका बहुत-बहुत आभार।
Comment by विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी on March 1, 2013 at 8:41pm
पूज्य गुरुदेव श्री सौरभ पाण्डेय जी सादर चरणस्पर्श!
रचना की सराहना एवं उत्साहवर्द्धन के लिये आपका बहुत-बहुत आभार।
Comment by विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी on March 1, 2013 at 8:38pm
आ. राम शिरोमणि पाठक जी,
आ. श्याम वर्मा जी,
आ. पवन अम्बा जी,
आ. मंजरी जी,
आ. राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'
रचना की सराहना एवं उत्साहवर्द्धन हेतु हार्दिक आभार
Comment by रविकर on March 1, 2013 at 5:21pm

बहुत बढ़िया आदरणीय |
सुन्दर पूर्ति-


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on March 1, 2013 at 4:31pm

बहुत प्यारा छंदबद्ध रोलागीत 

ठगे गये हम लोग,देख अपनापन खोया॥..वाह 

हार्दिक बधाई विन्ध्येश्वरी जी 

Comment by राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी' on March 1, 2013 at 2:21pm

त्रिपाठी जी गीत मन को भा गया 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 1, 2013 at 2:20pm

ठगे गये हम लोग,देख अपनापन खोया..     विंध्येश्वरीजी इस छंदबद्ध रचना के लिए बहुत बहुत बधाई.. . 

Comment by mrs manjari pandey on March 1, 2013 at 12:51pm

आदरणीय वीनस जी ग़ज़ल की सराहना कर के मेरा उत्साहवर्धन करने के लिए हार्दिक आभार।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीया प्राची दीदी जी, आपको नज़्म पसंद आई, जानकर खुशी हुई। इस प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, आपके प्रत्युत्तर की प्रतीक्षा में हैं। "
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आभार "
5 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय, यह द्वितीय प्रस्तुति भी बहुत अच्छी लगी, बधाई आपको ।"
5 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"वाह आदरणीय वाह, पर्यावरण पर केंद्रित बहुत ही सुंदर रचना प्रस्तुत हुई है, बहुत बहुत बधाई ।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर आभार।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन कुंडलियाँ छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई तिलक राज जी, सादर अभिवादन। आपकी उपस्थिति और स्नेह से लेखन को पूर्णता मिली। हार्दिक आभार।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई सुरेश जी, हार्दिक धन्यवाद।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई गणेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
6 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service