हैं माँग रहे हम……
Added by Abhishek Kumar Jha Abhi on July 23, 2013 at 5:00pm — 14 Comments
ग़ज़ल लिखने का प्रयास
तसव्वुर जिसका देखा मैंने, हाँ तुम बिल्कुल वैसी हो॥
रात पूनम, महताब जैसी, हाँ तुम बिल्कुल वैसी हो॥
ऐसी ज़ुल्फ़ की छांव जैसे, घटा हों काली…
Added by Abhishek Kumar Jha Abhi on July 9, 2013 at 10:30am — 6 Comments
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