For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Rajinder sharma "raina"'s Blog (7)

बर्फ (ग़ज़ल)

हल्की फुलकी ग़ज़ल पेश है दोस्तों



बर्फ दिल में जब जमी होती,

तभी आँखों में नमी होती।



धुँआ उठता जब आग जलती,

हवा चलती कब थमी होती।



फकत मिलते हाथ हाथों से,

दिलों में दूरी बनी होती।



हसीं मौसम देख मत इतरा,

ख़ुशी गम की भी सगी होती।…

Continue

Added by rajinder sharma "raina" on March 22, 2013 at 5:30pm — 2 Comments

ग़ज़ल : जी रहे

दोस्तों देखिये ग़ज़ल का मिजाज 

जी रहे डरते डरते,

थक गये मरते मरते।

बात किस्मत की है,

हम गिरे चढ़ते चढ़ते।

खत्म अक्सर होता है,

आदमी लड़ते लड़ते।

है तमन्ना मरने की,

काम कुछ करते करते। 

झड़ गये इक दिन सारे,

बाल ये झड़ते झड़ते।

जिन्दगी इक पुस्तक है,

याद हो पढ़ते पढ़ते।

डूब जाते सागर में,

हम कभी बढ़ते बढ़ते।

वक्त लग जाता…

Continue

Added by rajinder sharma "raina" on March 21, 2013 at 7:30pm — No Comments

व्यंग्य कविता

इक और व्यंग्य कविता पसंद आई के नही बताना जी 

  इस बस्ती में भेडियें रहते उनको बाहर निकाले कौन,

   सब के घर अब शीशे के है पत्थर क्यों उछाले कौन।

   इकलौते बेटे नें माँ बाप को ही घर से निकाल दिया,

   वृद्धआश्रम में भी गद्दारी है बुजुर्गों को सम्भाले कौन। 

   नामी गुंडे इश्तयारी मुजरिम देखो जेल मंत्री बन बैठे,

   चोरों का जब राज हो गया देखे गा अब तालें कौन। 

   महंगाई पे निरन्तर चढ़े जवानी ऊंचा उंचा कूद रही,

   सारथी जब अनजान हुआ…

Continue

Added by rajinder sharma "raina" on March 18, 2013 at 4:00pm — 1 Comment

व्यंग्य कविता

व्यंग्य कविता मेरी प्यारी 

सच बिकना मुश्किल यारों झूठ के खरीददार बहुत,

इसलिए तो फलफूल रहा है झूठ का व्यापार बहुत।

सच बोलने वालों को तो झट सूली पे लटका देती,

झूठ बोलने वालों का साथ देती अब सरकार बहुत।

सब में चटपटी ख़बरें है मतलब की कोई बात नही,

वैसे तो इस शहर में यारों छपते हैं अख़बार बहुत।

भारत देश के नेता तो गिरगट को भी मात दे देते,

माहिर बड़े परिपक्क हो गए बदलते किरदार बहुत।

मालिक की मर्जी से ही बचता है किसी का…

Continue

Added by rajinder sharma "raina" on March 17, 2013 at 5:30pm — 1 Comment

ग़ज़ल

दोस्तों मेरी किताब की मेरी प्यारी ग़ज़ल, आप को कैसी लगी sunday spacial.................

क्यों खफा हो कुछ बताओ तो सही,

हाल दिल का तुम सुनाओ तो सही।

हम फ़िदा तेरी अदा पे बावफा,

तेरा जलवा अब दिखाओ तो सही।

गर न समझे तो दुखी हो जिन्दगी,

नीर जीवन है बचाओ तो सही।

वो सितारा टूट कर क्यों है गिरा,

राज गहरा ये बताओ तो सही।

सांस लेना चाहते हो गर भली,

पेड़ धरती पे लगाओ…

Continue

Added by rajinder sharma "raina" on March 17, 2013 at 4:30pm — 4 Comments

हास्य व्यंग्य : महिला दिवस

हास्य व्यंग्य



आज के दिन यानि महिला दिवस के दिन,

महिला ने अपने पति की पिटाई,

पति ने थाने में शिकायत लगाई,

थानेदार ने महिला थाने में बुलवाई,

महिला थानेदार को देख घुरराई,…

Continue

Added by rajinder sharma "raina" on March 8, 2013 at 7:00pm — 4 Comments

आज का दौर

दोस्तों देखे ग़ज़ल आप को कैसी लगी ....

आज के इस दौर में इन्सान चिन्तित है बड़ा, 

दरद सहता बेहिसाबा सेज पे भीष्म पड़ा।

तोड़ पिंजरा परिन्दा उड़ भी नही सकता अभी,

क्या करे जाये कहां ये सोच चौराहे खड़ा।

बैर भाई अब यूं करे गौना विभीषन हो गया,

खून के रिश्तें बड़े मतलब बिना है क्या भला।

आग जलती देख कर यूं हाथ सारे सेकते,

हम बुझाये आग क्यों फिर घर जला उसका जला।

इश्क में मतलब जमा शामिल हुआ अन्दाज…

Continue

Added by rajinder sharma "raina" on February 23, 2013 at 4:00pm — 6 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
Tuesday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई चेतन प्रकाश जी"
Monday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार "
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आदरणीय रामबली जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार ।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"रोला छंद . . . . हृदय न माने बात, कभी वो काम न करना ।सदा सत्य के साथ , राह  पर …"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service