१२२२ / १२२२ / १२२२ / १२२२
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जमी जो बर्फ रिश्तों पे पिघल जाये तो अच्छा है
बिगड़ती बात बातों से सँभल जाये तो अच्छा है
हमारी याद जब आये शहद यादों में घुल जाये
छिपी जो दिल में कडवाहट निकल जाये तो अच्छा है
तमन्ना चाँद पाने की बुरी होती नही लेकिन
जमीं से देखकर ही दिल बहल जाये तो अच्छा है
मुकद्दर में मुहब्बत के लिखी हैं ठोकरें ही जब
गमों से पेशतर ये दिल सँभल जाये तो अच्छा…
Added by Sachin Dev on September 26, 2016 at 3:00pm — 4 Comments
1212 1122 1212 22
हिसाब ( गजल )
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खुदा के सामने सबका हिसाब होता है
हरेक शख्स वहां बे-नकाब होता है
अगर सवाल कोई है तो पूछ ले रब से
कि उसके पास तो सबका जवाब होता है
बिछे हों राह में कांटे अगर तो डर कैसा
इन्हीं के बीच में खिलता गुलाब होता है
धरम के नाम पे मिलकर रहें तो अच्छा है
धरम…
ContinueAdded by Sachin Dev on February 4, 2016 at 1:30pm — 8 Comments
भूले से मत कीजिये, नारी का अपमान
नारी जीवन दायिनी, नारी है वरदान II 1 II
माँ बनकर देती जनम, पत्नी बन संतान
जीवन भर छाया करे, नारी वृक्ष समान II 2 II
नारी भारत वर्ष की, रखे अलग पहचान
ले आई यमराज से, वापस पति के प्रान II 3 II
नारी कोमल निर्मला, होती फूल समान
वक्त पड़े तो थाम ले, बरछी तीर कमान II 4 II
नारी के अंतर बसे, सहनशीलता आन
ये है मूरत त्याग की, नित्य करे बलिदान II…
ContinueAdded by Sachin Dev on July 20, 2015 at 2:30pm — 13 Comments
1222 / 1222 /1222 / 1222
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जमाना बाज कब आता है हमको आजमाने से
न हो जाना कहीं जख्मी कभी इसके निशाने से
हमेशा जंग वो जीता किये हों सर कलम जिसने
कभी जीता नही कोई भी अपना सर कटाने से
करे जो बात दुनिया की उसी की लोग सुनते हैं
किसी को वास्ता कैसा भला तेरे फसाने से
कभी धेला तलक बांटा नहीं जिसने कमाई का
लगा है बांटने सिक्के वो सरकारी खजाने…
ContinueAdded by Sachin Dev on July 6, 2015 at 3:00pm — 22 Comments
हाथ धरे बैठे नेताजि , नौका कैसे होवे पार !!
कैसे जीतें युद्ध चुनावी , लगा हुआ नेता दरबार !
सबके सब भिड गय जुगत मैं, रेडी खड़े सभी लठमार !!
भरा दिया पर्चा नेता का, भीड़ इकट्ठी हुई अपार !
लगा दिया फोटु भारी सा, होने लगा खूब परचार !!
पर्चा भर नेताजी पहुँचे , परम प्रभू भोले के द्वार !
परिक्रमा नेताजी करते , डोक लगाते बारमबार !!
मन मैं सिमर रहे नेताजि ,…
Added by Sachin Dev on April 21, 2014 at 1:30pm — 20 Comments
221 2121 1221 212
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जिंदगी मैं अभी भी कुछ इम्तेहान बाकी हैं
गुजरी हैं आंधियां अभी तूफ़ान बाकी हैं
मैं दूर तेरी महफ़िल से जाऊं भी तो कैसे
महफ़िल मैं तेरी मेरे भी कदरदान बाकी हैं
बे-ईमानों की दुनिया मैं घूमता हूँ शान से
जब तक मेरे सीने मैं मेरा ईमान बाकी है
लौटकर के मौत भी घर से मेरे खाली गई
मेरी माँ का कोई ऐसा वरदान बाकी है
सो रहा है मुल्क मेरा जो सुकूं…
ContinueAdded by Sachin Dev on April 14, 2014 at 4:00pm — 29 Comments
देख चुनावी वर्ल्ड कप, का सज गया मैदान
ट्रोफी इसकी पाने को , सब नेतागन परेशान
सोच रहे हैं सब कैसे, मतदाता को रिझायें
कम ओवर मैं अब कैसे, रन तेजी से बनायें
कैसे उसे मनाये जो, मतदाता पहले से रूठा
निकल जाये न मैच, कैच जो हाथों से छूटा
जो बॉलर भी आये समक्ष, उसको मारो बल्ला
चाहे चौका लग न पाये, मचे छक्के का हल्ला
जीतेंगे है हर हाल मैं हमतो, ठोंक रहे हैं ताल
गति गेंद की तेज रहे चाहे, हो जाये नो…
Added by Sachin Dev on April 8, 2014 at 4:30pm — 8 Comments
गजल (रहनुमा)
2122 2122 2122 2122
इस शहर मैं रस्मे-आमद लोग इस तरह निभाते हैं
हाथों मैं गुल होते नहीं और पत्थर लिए नजर आते हैं
तेरी सूरत मेरी सूरत से हसीं नहीं बताने को ये
आने वाले हर शख्स को वो आईना दिखलाते हैं
वो भी देख लें कभी गिरेवां मैं अपने झांककर यारों
दूसरों पे जो यूँ ही अक्सर उँगलियाँ ऊठाते हैं
मैं जो निकला हूँ सफर पे तो मंजिल पा ही लूँगा कभी
फिर क्यूँ मुझे मेरी मंजिल का पता बतलाते हैं
जाने किस भेष…
Added by Sachin Dev on March 22, 2014 at 5:00pm — 14 Comments
अपनी निगाहों से मेरा हर अक्श मिटाने चला है वो
दिल से अपने अब मेरा हर नक्श मिटाने चला है वो
मेरी महफ़िल की रंगीनियत कम होने लगी शायद
इसलिए साथ गैरों के महफिलें सजाने चला है वो
उस शख्स की शख्सियत भी क्या होगी यारो
मोहब्बत से भरा एक शख्स मिटाने चला है वो
जिसने खुद ही जलाई थी मोहब्बत की शमा कभी
उस शमा की आखिरी लौ भी अब बुझाने चला है वो
और जिनकी रग-रग मैं हैं धोखे और फरेब भरे
साथ उनके अब यारियों…
ContinueAdded by Sachin Dev on October 4, 2013 at 5:30pm — 28 Comments
रात की चांदनी मैं जो तू बे-नकाब हो जाए
खुदा का चाँद भी फिर लाजबाव हो जाए
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तेरे गुलाबी होंठों पे जो गिर जाए शबनम
बा-खुदा शबनम खुद शराब हो जाए
.
तेरी उदासी से होती है सीने मैं चुभन
तू जो हंस दे तो काँटा गुलाब हो…
Added by Sachin Dev on September 24, 2013 at 1:30pm — 33 Comments
Added by Sachin Dev on September 13, 2012 at 5:30pm — 7 Comments
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