For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Jyotsna Kapil's Blog – December 2015 Archive (3)

सर्द साँझ ( लघुकथा )

बेचैनी उसकी आँखों से साफ नज़र आ रही थी।उधर अमन कश्मकश भरी निगाह से कभी डॉक्टर, कभी बच्चे, तो कभी अपनी पत्नी कली को देखे जा रहे थे।

सर्दी अपने शबाब पर थी।साँझ के धुंधलके में वे दोनों खरीदारी करके लौट रहे थे तो घर के आगे भीड़ देखकर रुक गए।झाड़ियों के पास नर्म, मुलायम कम्बल से लिपटा एक नवजात शिशु पड़ा हुआ था।लोग अनर्गल प्रलाप में लगे थे पर उसे किसी ने हाथ भी न लगाया था।

" चलो,न जाने किसका पाप है " अमन ने उसकी बाँह सख्ती से पकड़ते हुए कहा।कली ने कुछ कहना चाहा पर पति के चेहरे पर कठोरता के भाव… Continue

Added by jyotsna Kapil on December 16, 2015 at 12:32pm — 4 Comments

मुफ़्त शिविर

बिटिया के छोटे-छोटे बच्चे,दो वक़्त की रोटी जुटाने की मशक्कत,और बेटी की जान पर मंडराता खतरा देखकर परमेसर सिहर उठा।उसने अपनी एक किडनी देकर उसके जीवन को बचाने का संकल्प कर लिया।

" तुम तो पहले ही अपनी एक किडनी निकलवा चुके हो,तो अब क्या मजाक करने आये थे यहाँ ?" डॉक्टर ने रुष्ट होकर कहा।

" जे का बोल रै हैं डागदर साब,हम भला काहे अपनी किटनी निकलवाएंगे।

ऊ तो हमार बिटिया की जान पर बन आई है।छोटे-2 लरिका हैं ऊ के सो हमन नै सोची की एक उका दे दै।"

" पर तुम्हारी तो अब एक ही किडनी है,और ये… Continue

Added by jyotsna Kapil on December 4, 2015 at 2:18pm — 19 Comments

फासले

द्वार खोला तो महीनों बाद अमित को सामने पाकर वह चौंक उठी।

" आप ?"

" हाँ मैं, सोनिया को छोड़ आया हूँ। अब तुम्हारी कीमत का अहसास हो गया है मुझे ,सॉरी मेघा, अब घर लौट आया हूँ, प्लीज़ माफ़ कर दो मुझे "

" बेशक कर दूँगी ,पर एक बात का ईमानदारी से जवाब दीजिये ,अगर मैं आपको छोड़कर किसी और के पास चली गई होती,तो क्या मुझे सहर्ष स्वीकार कर लेते ? "

उसने असमंजस में मेघा की ओर देखा फिर दृष्टि झुकाते हुए बोला

" नहीं "

वेदना व हिकारत के मिले जुले भाव से पति के झुके हुए चेहरे को उसने… Continue

Added by jyotsna Kapil on December 1, 2015 at 12:43pm — 12 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   वाह ! प्रदत्त चित्र के माध्यम से आपने बारिश के मौसम में हर एक के लिए उपयोगी छाते पर…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत कुण्डलिया छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय चेतन प्रकाश जी सादर, कुण्डलिया छंद पर आपका अच्छा प्रयास हुआ है किन्तु  दोहे वाले…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर कुण्डलिया छंद रचा…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय सुरेश कुमार 'कल्याण' जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर कुण्डलिया…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"आती उसकी बात, जिसे है हरदम परखा। वही गर्म कप चाय, अधूरी जिस बिन बरखा// वाह चाय के बिना तो बारिश की…"
Sunday
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीया "
Sunday
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"बारिश का भय त्याग, साथ प्रियतम के जाओ। वाहन का सुख छोड़, एक छतरी में आओ॥//..बहुत सुन्दर..हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"चित्र पर आपके सभी छंद बहुत मोहक और चित्रानुरूप हैॅ। हार्दिक बधाई आदरणीय सुरेश कल्याण जी।"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आयोजन में आपकी उपस्थिति और आपकी प्रस्तुति का स्वागत…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"आप तो बिलासपुर जा कर वापस धमतरी आएँगे ही आएँगे. लेकिन मैं आभी विस्थापन के दौर से गुजर रहा…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service