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Er Nohar Singh Dhruv 'Narendra''s Blog – August 2015 Archive (2)

अति का अंत ( लघुकथा )

अति का अंत



परलोक में सृष्टि के रचयिता, मनुष्यों के कृत्यों से काफ़ी परेशान थे |



रचयिता ने पहले ही भू-लोक में महान हस्तियों के रूप में अवतरित होकर मनुष्यों को सही राह पर चलने की शिक्षा दे चुके थे, पर उन्हें निराशा ही हाथ लगी |



उन्होंने अपने शिल्पकार को बुला कर कहा, " मनुष्यों ने अब बहुत अति कर ली है, जल्द ही इनके अति का अंत करना होगा | "

"पर मनुष्य तो आपको सबसे प्रिय है ना, फिर उनको..? " शिल्पकार ने कहा |

"प्रिय तो मुझे वो जीव भी थे जिन्हें मनुष्य… Continue

Added by Er Nohar Singh Dhruv 'Narendra' on August 19, 2015 at 3:53pm — 10 Comments

नई पीढ़ी ( लघुकथा )

बेटे के पास विलायत गए दीवान जी को पोते पोतियों की चाल ढाल अच्छी नही लग रही थी | उनका रातों को देर से आना, बेढंगे कपड़े पहनना, घर पर ही दोस्तों के साथ मदिरा का सेवन आदि उनको बिलकुल भी बर्दास्त नही हो रहा था |

एक दिन घर पर पार्टी चल रही थी | डीजे के तीव्र संगीत के साथ जम के मदिरापान करते लड़के-लड़कियों का हुल्लड़ करना उनको रास ना आया और उन्होंने बेटे से कह डाला कि, " ये सब क्या है विमल ? "

"बाबू जी नई पीढ़ी है | "

"नई पीढ़ी है तो क्या इस तरह..... ? "

"ये अपनी तरह से जीना चाहते…

Continue

Added by Er Nohar Singh Dhruv 'Narendra' on August 19, 2015 at 1:00am — 7 Comments

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