For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

" क्यों बे तुझे कहा था ना चाय देके जल्दी आ जाना पर तू यहाँ टीवी देखते खड़ा है। वहां काम कौन करेगा तेरा बाप ? चल दूकान पे। " लडके पर झल्लाते हुए चायवाले ने कहा।
" बस एक ओवर देख के आता हूँ भैयाजी। आखरी ओवर है जीत-हार की बात है। " उत्सुकता से आईपीएल देख रहे लड़के ने कहा।
" अबे एक ओवर के बच्चे, वहाँ चार ओवर जितने गिलास जमा हो गए है, चल बोला ना। " चायवाले ने फिर चिल्लाते हुए कहा।
" हाँ हाँ भैयाजी चल रहा हूँ। और ये आऊट। येsssss मैच जीत गये भैयाजी। " ख़ुशी में झूमते हुए लड़का चिल्लाया और हाथ में पकड़े हुए चाय की केटली और गिलास की दानी हवें में उछाल दिया। और जैसे ही उसे अपनी गलती का एहसास हुआ वह वहां से दुम दबा के भागने लगा।
" अबे ये क्या कर दिया बेवकूफ, रुक कहाँ भाग रहा है, मेरा नुकसान करके। " चायवाला गुस्से से चिल्लाते हुए उसके पीछे भागा।
भागते लड़के को सामने से आते एक मोटरसायकल वाले ने जोरदार ठोकर मारा। लड़का छिटक कर दूर जा गिरा। चायवाला भी पीछे ही था उसने तुरंत लड़के को उठाया। लड़के के सर से खून, नल के धार की तरह बह रहा था। चायवाले ने उस मोटरसायकल वाले के साथ मिलकर लड़के को अस्पताल पहुँचाया और उसकी पट्टी करवाई। लड़का अपने किये पर शर्मिंदा था और चायवाले की ओर माफ़ी भरी निगाहों से देख रहा था। ये देख चायवाले ने कहा, " अबे कल से दूकान पर ही आईपीएल देखना और ठीक से काम करना गिलास मत तोडना। "
" पर भैयाजी टीवी ? "
" अबे घर वाली टीवी दूकान पे लगा लेंगें। अब चल..." मुस्कुराते हुए चायवाले ने कहा।

नरेंद्र एन ध्रुव
रायपुर

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 432

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Er Nohar Singh Dhruv 'Narendra' on April 27, 2016 at 3:12pm

आदरणीय समर कबीर जी सादर धन्यवाद एवं आभार.

Comment by Er Nohar Singh Dhruv 'Narendra' on April 27, 2016 at 3:10pm

आदरणीय राजेश कुमारी जी आपने कथा को कीमती समय दिया और बहुमूल्य टिपण्णी की जिसके लिए सादर धन्यवाद एवं आभार .


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 26, 2016 at 9:15pm

बहुत अच्छी सुखान्तक  रोचक लघु कथा हार्दिक बधाई आपको नरेन्द्र जी |

Comment by Samar kabeer on April 25, 2016 at 12:33pm
जनाब नरेंद्र जी आदाब,आपकी लघुकथा पसन्द आई बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - सपने
"उत्तम प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई"
20 hours ago
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक -वाणी
"वाह बेहतरीन 👌 प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई"
20 hours ago
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- झूठ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी झूठ पर आधारित सुन्दर दोहावली का सृजन हुआ है ।हार्दिक बधाई ।सर क्या दोहे में…"
20 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)-----------------------------देवलोक भी जोहता,चकवे की ज्यों बाट।संत सनातन संग…See More
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय मुसाफ़िर जी "
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छः दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Thursday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रस्तुति को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।हार्दिक आभार "
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"किसी भोजपुरी रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्द्धन किया जाना मुझे अभिभूत कर रहा है। हार्दिक बधाई,…"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service