For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

डॉ छोटेलाल सिंह's Blog – April 2018 Archive (3)

अतुकांत

मैं लिख नहीं सकता l

मैं लिख नहीं सकता 

वाणी के पर खोलकर

अम्बुधि के उर्मिल प्रवाह पर

उत्कंठित भावभंगिमा से

नीरवता का भेदन करके

घन तिमिर बीच में बन प्रभा

मधुकरी सदृश गुंजित रव से

अविरल नूतनता भर देता

मैं लिख नहीं सकता l

भू अनिल अनल में 

उथल पुथल 

अनृत प्रवाद का मर्दन कर 

इतिवृत्तहीन विपुल गाथा

मुख अवयव से 

पुष्कल निनाद

हो अनवरुद्ध

झंकृत करता 

मैं…

Continue

Added by डॉ छोटेलाल सिंह on April 25, 2018 at 12:31pm — 7 Comments

पर्यावरण (दोहा छन्द)

पर्यावरण   (दोहा छन्द)

बढ़ा प्रदूषण इस कदर, त्राहिमाम हर ओर

जल थल नभ दूषित हुआ,मचा भयंकर शोर.1.

अपने मन का सब करे,काटे वन दिन रात

दैत्य प्रदूषण दन्त से, कैसे मिले निजात.2.

धुँवा धुँवासा हो रहा ,नहीं समझते लोग

अस्पताल में भीड़ है,घर घर बढ़ता रोग.3.

धरती का छेदन करे, पानी तल से दूर

कृषक हाल बेहाल है,मरने को मजबूर.4.

घर आँगन में वृक्ष लगे, सुंदर हो परिवेश

शुद्ध हवा सबको…

Continue

Added by डॉ छोटेलाल सिंह on April 17, 2018 at 8:56am — 5 Comments

बेटियां

बदल रही परिवेश बेटियां,करके अद्भुत काम

विश्व पटल पर आगे आकर,रोशन करती नाम ll

श्रम के बल से जीत रही हैं,स्वर्ण पदक हर बार

निज प्रतिभा से कर जाती हैं,  सारी बाधा पार ll

सुरम्य धरती का हर कोना , बेटी से गुलजार

स्नेह भावमय जग को करती,सदा लुटाती प्यार ll

अंगारों पर चलना सीखी , बेटी बनी जुझार

कठिन घड़ी जब भी आती है,जमकर करती वार ll

सीख सको सीखो बेटी से, जीवन का हर सार 

दया धर्म समता ममता की ,…

Continue

Added by डॉ छोटेलाल सिंह on April 11, 2018 at 7:09pm — 6 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
19 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Tuesday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, बहुत सुन्दर ग़ज़ल है आपकी। इतनी सुंदर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा है। कुछ शेर अच्छे लगे। बधई स्वीकार करें।"
Sunday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"सहृदय शुक्रिया ज़र्रा नवाज़ी का आदरणीय धामी सर"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​आपकी टिप्पणी एवं प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service