For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Sudhir Thakur
Share on Facebook MySpace
 

Sudhir Thakur's Page

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sudhir Thakur's blog post क्या बात करें ?
"आदरणीय सुधीर ठाकुर जी, इस प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई. आपकी प्रस्तुति से गुजरते हुए महसूस हुआ कि आपकी कहन का अंदाज़ और झुकाव ग़ज़ल की तरफ है. संभवतः. ओबीओ पटल पर ग़ज़ल की कक्षा उपलब्ध है यदि आप चाहें तो पूरे अध्याय पढ़ जाएँ. आपके भावों और शब्दों यदि ग़ज़ल…"
May 16, 2023
Sudhir Thakur posted a blog post

क्या बात करें ?

गुफ़्तगु तो बहुत हैं मगर क्या बात करें, ग़म ए ज़िंदगी बहुत है, मगर क्या बात करें।कहते हैं दुःख बांटने से कम हो जाता है , मगर शब्द ही मुंह से न निकलें , फिर क्या बात करें।ज़िंदगी ने सिखाया कि रोना नहीं है , मगर अश्क़ ही न थम पाएं , फिर क्या बात करें।आप उनकी ख़ातिर मर-मर के जिये हैं , वो फिर भी न समझ पाएं , फिर क्या बात करें।है बड़ी कुंद सी मेरी ये ज़िन्दगी , झूठे ही मुस्कुराये ,फिर क्या बात करें।नाहक़ ही उन्हें कोई कुछ भी ना बताये, किस्मत ही ऐसी पाई, फिर क्या बात करें।ना जाना कभी, ना समझा कभी, ग़र अब भी…See More
May 12, 2023
Sudhir Thakur is now a member of Open Books Online
May 11, 2023

Profile Information

Gender
Male
City State
Bhopal
Native Place
Bareli MP
Profession
T.O.
About me
Bachpan sebsahity me ruchi rahi hai.

Sudhir Thakur's Blog

क्या बात करें ?

गुफ़्तगु तो बहुत हैं मगर क्या बात करें,

ग़म ए ज़िंदगी बहुत है, मगर क्या बात करें।

कहते हैं दुःख बांटने से कम हो जाता है ,

मगर शब्द ही मुंह से न निकलें , फिर क्या बात करें।

ज़िंदगी ने सिखाया कि रोना नहीं है ,

मगर अश्क़ ही न थम पाएं , फिर क्या बात करें।

आप उनकी ख़ातिर मर-मर के जिये हैं ,

वो फिर भी न समझ पाएं , फिर क्या बात करें।

है बड़ी कुंद सी मेरी ये ज़िन्दगी ,

झूठे ही मुस्कुराये ,फिर क्या बात करें।

नाहक़ ही उन्हें कोई कुछ भी ना बताये,…

Continue

Posted on May 12, 2023 at 12:20pm — 1 Comment

Comment Wall (1 comment)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 10:15am on April 9, 2024, Erica Woodward said…

I need to have a word privately,Could you please get back to me on ( mrs.ericaw1@gmail.com) Thanks.

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा त्रयी .....वेदना
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . असली - नकली
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा त्रयी .....वेदना
"आ. भाई सुशील जी, सादर आभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . असली - नकली
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Friday
Ashok Kumar Raktale commented on Ashok Kumar Raktale's blog post दिल चुरा लिया
"   आदरणीय समर कबीर साहब सादर नमस्कार, प्रस्तुत ग़ज़ल प्रयास की सराहना हेतु आपका हार्दिक…"
Wednesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-113
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मिथिलेश वामनकर साहिब।"
Wednesday
Sushil Sarna posted blog posts
Tuesday
Ashok Kumar Raktale posted a blog post

दिल चुरा लिया

२२१ २१२१   १२२१  २१२  उसने  सफ़र में उम्र  के  गहना  ही  पा लियाजिसने तपा के जिस्म  को  सोना बना…See More
Tuesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

समय के दोहे -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

पतझड़ छोड़ वसन्त में,  उग जाते हैं शूलजीवन में रहता नहीं, समय सदा अनुकूल।१।*सावन सूखा  बीतता, कभी …See More
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-113
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार करें। सादर"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-113
"आदरणीय उस्मानी जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार करें। सादर"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-113
"आदरणीया बबिता जी, इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार करें। सादर"
Monday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service