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Priya Ranjan
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Gender
Male
City State
Ratnagiri, Maharashtra
Native Place
Muzaffarpur, Bihar

Priya Ranjan's Blog

कैसे कहूँ? (एक गीत)

कैसे कहूँ? दिल में है जो 

छोड़ता हूँ, रहता है वो 

ढूंढता हूँ लफ्ज़ कोई 

कोई बयाँ, बात कोई 

.

कहता हूँ, थोड़ा रुकना 

चाँद मेरे! ना छुपना ... 

.

चलते हुए आगे-पीछे 

तेरी दोनों आँखें नीचे 

राह तुझे याद तो है 

रात तुझे याद तो है 

.

वो भी कोई दिन था 

हाँ मैं तेरे बिन था ...

.

कैसे कहूँ? इस दिल में है जो ???

.

कुछ समझ में आता नहीं 

औ' बता भी पाता नहीं 

देखता हूँ, जानता…

Continue

Posted on January 22, 2013 at 3:38pm — 2 Comments

ग़ज़ल (मुझको बनाने वाले ने खंज़र बना दिया)

पैबस्त जिस्म में हूँ कि दिल में लगा हूँ मैं 

मुझको बनाने वाले ने खंजर बना दिया |



अफ़सोस किसी बात का होता नहीं मुझे 

पत्थर की तरह मुझको बंजर बना दिया |



चूसा है लहू इस क़दर दुनिया ने खुद अपना 

न जाँ बची न गोश्त, बस पंजर बना दिया |



हक औ' सिला के नाम पर सब इस कदर लड़ें

एक दुसरे को इनने तो कंजर बना दिया |



निकला 'कोई नहीं' मगर सपना हैं देखतें 

गीली जगह पे स्याह एक मंजर बना…

Continue

Posted on January 22, 2013 at 3:30pm — 2 Comments

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