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Euphonic Amit
  • Male
  • New Delhi
  • India
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Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय Chetan Prakash जी आदाब। ग़ज़ल के प्रयास पर बधाई स्वीकार करें। आज है आदमी का नकार आदमी महज़ है वो पैक़र क्षार- क्षार आदमी — नाकारा, नकारात्मक या नकारना तो सुना है ।     ' नकार ' समझ नहीं आया। — मह्ज़ है/ वो…"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय अजय गुप्ता 'अजेय जी आदाब। ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है बधाई स्वीकार करें। सबको आराम दे भी तो दे किस तरह नाते सौ और अकेला अनार आदमी सौ हैं बीमार और इक अनार आदमी ज़िंदगी हम जियें यूँ कि सब कह उठें ज़िंदादिल आदमी, पाएदार आदमी दफ़्न दिल में…"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय Dayaram Methani जी आदाब।ग़ज़ल के अच्छे प्रयास पर बधाई स्वीकार करें। हर तरफ हैं बहुत बे-क़रार आदमीहै बुरी आदतों से बिमार आदमीसहीह शब्द है बीमार हैं बुरी आदतों के शिकार आदमी बेवज़ह ही सदा भागता दौड़ताठोकरों बाद करता विचार आदमीसहीह शब्द है…"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय Richa Yadav जी आदाब  ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है बधाई स्वीकार करें। 212 212 212 212 पालता है जो ख़्वाहिश हज़ार आदमी फिर न पाता कहीं भी क़रार आदमी 1 ख़्वाहिशें दिल में पाले हज़ार आदमी इसलिए  रहता   है  बेक़रार …"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय उस्ताद-ए-मुहतरम Samar kabeer साहिब चरणस्पर्श। एक अर्सा हो गया था कोई अच्छी ग़ज़ल पढ़े हुए। आपकी ग़ज़ल पढ़कर मन प्रफुल्लित हुआ। बिहतरीन, लाजवाब, हर शब्द छोटा जान पड़ता है। इस अप्रतिम रचना के लिए बधाई स्वीकार करें गुरु देव 🌺 "
Friday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय Sanjay Shukla जी आदाब ग़ज़ल के अच्छे प्रयास पर बधाई स्वीकार करें। ख़ुद को अशरफ़ वो समझे तो समझा करे पर ख़ुदा को लगे ख़ाकसार आदमी /5ख़ुदा को आदमी ख़ाकसार लगता है ये बात जमी नहीं। यूँ कह सकते हैं " सच तो ये है कि है ख़ाकसार आदमी" कर…"
Friday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय DINESH KUMAR VISHWAKARMA जी आदाब। ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है बधाई स्वीकार करें। 212 212 212 212 मिट्टी का एक पैकर सँभाले हुए आँसुओं पर न कर इख़्तियार आदमी इख़्तियार शब्द का सहीह इस्तेमाल नहीं हुआ। कृपया समझाएँ क्या कहना चाहते हैं? चाँद सूरज…"
Friday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी आदाब  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास पर बधाई स्वीकार करें।    // शुभकामनाएँ //"
Friday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी आदाब। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास पर बधाई स्वीकार करें। //बद-ज़बाँ हो गया, था मुहज़्ज़ब जो ये  साज़िशी तज्रबों का शिकार आदमी// सहीह शब्द है तज्रिबों    // शुभकामनाएँ //"
Friday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय Nilesh Shevgaonkar जी आदाब  अच्छी ग़ज़ल हुई बधाई स्वीकार करें। // देखना वो बनेगा क़यामत की वज्ह हाशिये पर खड़ा दरकिनार आदमी //      सहीह शब्द है क़ियामत  //जानना है उसे मानना मत ऐ “नूर” जिस मुसव्विर का है…"
Thursday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी, बस एक मिसाल दी थी कि ऐसा भाव रखें मिसरा नहीं सुझाया था । सादर"
Feb 26
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी ठीक है "
Feb 26
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" जी आदाब  पहली बार इस मंच पर आपकी ग़ज़ल पढ़ रहा हूँ। अच्छी ग़ज़ल हुई है। बधाई स्वीकार करें। शुभकामनाएँ"
Feb 26
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय Richa Yadav जी, //जी क़ित'आ बंद कहने की कोशिश थी।//         जी यह क़ित'आ नहीं हुआ ,            मतला और शे'र हुआ।क़ित'आ में बात चौथे मिसरे में पूरी होती है तीन मिसरों में…"
Feb 26
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय DINESH KUMAR VISHWAKARMA जी आदाब  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास पर बधाई स्वीकार करें। 2122 1122 1122 22/112 तीरगी को न कोई हक़ ही जताने देना इन चराग़ों को हुनर अपना दिखाने देना —हक़  के साथ ही भर्ती का है   …"
Feb 25
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय Richa Yadav जी आदाब  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास पर बधाई स्वीकार करें। 2122 1122 1122 22 वक़्त-ए-आख़िर ये सुकूँ रूह को पाने देना यार दीदार को आये मेरे आने देना 1 यार दीदार को गर आये तो आने देना हक़ वतन का जो है मुझपर वो निभाने देना मैं हूँ…"
Feb 25

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At 10:24am on April 9, 2024, Erica Woodward said…

I need to have a word privately, please get back to me on ( mrs.ericaw1@gmail.com) Thanks.

 
 
 

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"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी रिश्तों पर आधारित आपकी दोहावली बहुत सुंदर और सार्थक बन पड़ी है ।हार्दिक बधाई…"
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"तू ही वो वज़ह है (लघुकथा): "हैलो, अस्सलामुअलैकुम। ई़द मुबारक़। कैसी रही ई़द?" बड़े ने…"
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"गोष्ठी का आग़ाज़ बेहतरीन मार्मिक लघुकथा से करने हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह…"
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Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आपका हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी।"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। बहुत सुंदर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"ध्वनि लोग उसे  पूजते।चढ़ावे लाते।वह बस आशीष देता।चढ़ावे स्पर्श कर  इशारे करता।जींस,असबाब…"
Sunday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"स्वागतम"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. रिचा जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अमित जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Saturday

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