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गंगा और यमुना का अद्भुत स्वरूप ! दोनों वर्ण स्पष्ट हैं. नीचे यमुना का नील वर्ण और ऊपर गंगा का श्वेत वर्ण !!
आध्यात्मिक संगम का भौतिक स्वरूप !

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सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on February 14, 2013 at 7:15pm

जी अच्छा, सादर.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 14, 2013 at 7:04pm

सरस्वती का स्वरूप, आदरणीया, प्रयाग में कभी भौतिक नहीं रहा.. यह ज्ञान की अवधारणा है.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on February 14, 2013 at 7:02pm

जी सौरभ जी , गंगा के श्वेत वर्ण और यमुना के नील वर्ण को आपने इस सुन्दरता से तस्वीर में कैद किया है...

और सरस्वती गुप्त रूप से....होती है ना  

क्या किसी बिंदु पर अपना भौतिक आभास देती है सरस्वती नदी?


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 14, 2013 at 6:55pm

डॉ.प्राची आपने नदी के रंगों पर ध्यान दिया है न !? ..अद्भुत है !!


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on February 14, 2013 at 6:26pm

बहुत ही सुन्दर तस्वीर आदरणीय सौरभ जी. अद्भुत वाकई अद्भुत 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 14, 2013 at 6:18pm

जी भाई संदीपजी. यह सम्मिलन नैसर्गिक आनन्द का कारण है.

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on February 14, 2013 at 6:12pm

अद्भुत गुरुदेव अद्भुत


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 14, 2013 at 5:19pm

जी, वैदिकाजी..

Comment by वेदिका on February 14, 2013 at 4:39pm

वाकई अद्भुत !

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