For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Views: 244

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by vijay nikore on May 10, 2013 at 11:04am

आदरणीया प्राची जी,

इतना मनोहारी दृश्य ! आप भाग्यशाली हैं ! शायद मैं कभी आता ।

ऐसे सुन्दर वातावरण में किसी भी कवि के भाव निर्झरित कैसे न हों,

भगवान के प्रति मानव असीम श्रध्दा से नत-मस्तक कैसे न हो !

अतिशय शुभकामनाओं सहित... सदैव।

विजय

 

Comment by अरुन 'अनन्त' on May 9, 2013 at 10:36pm

आदरणीय गुरुदेव श्री सौरभ सर जी क्या करूँ ऐसा ऐसा दृश देख और आप सभी से मिलने की अपार चाह बढती ही जा रही है. किस्मत में होगा तो आप सभी के दर्शन और प्रकृति से मिलन हो सकेगा.

Comment by अरुन 'अनन्त' on May 9, 2013 at 10:27pm

आदरणीया प्राची दीदी, कोशिश तो यही है कि खुश खबरी पहले आ जाए ताकि वहां उपस्थित हो सकूँ और आयोजन का दोगुना आनंद उठा सकूँ आप सही के साथ.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 9, 2013 at 6:48pm

काश ????

ओह्होह .. अरुण भाई !!

भाई, अभी से आप निर्लिप्त न होने लगिये. कौन जाने आप लड्डू या फिर बर्फ़ी का डब्बा लिये सम्मेलन में उपस्थित हो जायँ.. !

मिठाई कोई हो मीठी ही होती है. .. :-)))


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on May 9, 2013 at 6:14pm

प्रिय अरुण जी,

इस मनोहारी दृश्य को आप भी अपनी आँखों से प्रत्यक्ष देखें..हम सबकी यही कामना है कि आप खुशखबरी के साथ आयोजन में पधारें.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on May 9, 2013 at 6:11pm

आदरणीय सौरभ जी,

यह नज़ारा बेहद खूबसूरत है..... और यह फोटो वर्षा ऋतु में एक दिन वर्षा के तुरंत बाद लिया गया है...जब आसमान एकदम साफ़ हो जाता है और प्रकृति अपने स्वच्छतम स्वरूप में पूर्णतः निखरी सी होती है...और तब उस खिड़की पर तितलियाँ भी आती हैं, चिडियाँ भी चहचहाती है.

सादर.

Comment by अरुन 'अनन्त' on May 9, 2013 at 5:00pm

अत्यंत मनोहारी सुन्दर दृश्य काश किसी तरह से यह नज़ारा प्रत्यक्ष देखने का सौभाग्य प्राप्त हो वो भी गुरुजनों एवं मित्रों के संग आहा बात बन जाए.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 9, 2013 at 4:46pm

कुछ दिनों बाद यह नज़ारा हमारी स्मृति-पटल पर अमिट छाप होगा. उस खिड़की को देखना सौभाग्य होगा जो विस्तार को समक्ष करती है.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on May 9, 2013 at 4:26pm

VIEW OF KUMAON HILLS FROM MIET-KUMAON CAMPUS..

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Saurabh Pandey's discussion गीतिका छंद in the group भारतीय छंद विधान
"राम बोलो श्याम बोलो छंद होगा गीतिका। शैव बोलो शक्ति बोलो छंद ऐसी रीति का।। लोग बोलें आप बोलें छंद…"
17 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Saurabh Pandey's discussion कुण्डलिया छंद : मूलभूत नियम in the group भारतीय छंद विधान
"दोहे के दो पद लिए, रोला के पद चार। कुंडलिया का छंद तब, पाता है आकार। पाता है आकार, छंद शब्दों में…"
55 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Saurabh Pandey's discussion चौपाई : मूलभूत नियम in the group भारतीय छंद विधान
"सोलह सोलह भार जमाते ।चौपाई का छंद बनाते।। त्रिकल त्रिकल का जोड़ मिलाते। दो कल चौकाल साथ बिठाते।। दो…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Saurabh Pandey's discussion रोला छंद : मूलभूत नियम in the group भारतीय छंद विधान
"आदरणीय सौरभ सर, रोला छंद विधान से एक बार फिर साक्षात्कार कर रहा हूं। पढ़कर रिवीजन हो गया। दोहा…"
2 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

कुंडलिया छंद

आग लगी आकाश में,  उबल रहा संसार।त्राहि-त्राहि चहुँ ओर है, बरस रहे अंगार।।बरस रहे अंगार, धरा ये तपती…See More
22 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सीमा के हर कपाट को - (गजल)-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

२२१/२१२१/१२२१/२१२कानों से  देख  दुनिया  को  चुप्पी से बोलना आँखों को किसने सीखा है दिल से…See More
22 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीया प्राची दीदी जी, आपको नज़्म पसंद आई, जानकर खुशी हुई। इस प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, आपके प्रत्युत्तर की प्रतीक्षा में हैं। "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आभार "
yesterday

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय, यह द्वितीय प्रस्तुति भी बहुत अच्छी लगी, बधाई आपको ।"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service