For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

प्रतियोगिता परिणाम: "चित्र से काव्य तक" अंक-११

नमस्कार साथियों,

"चित्र से काव्य तक" अंक -११ प्रतियोगिता से संबधित निर्णायकों का निर्णय आपके समक्ष प्रस्तुत करने का समय आ गया है | हमेशा की तरह इस बार भी प्रतियोगिता का निर्णय करना अत्यंत कठिन कार्य था जिसे हमारे निर्णायकों श्री गोपाल सागर व श्री अरुण निगम जी नें अत्यंत परिश्रम से संपन्न किया है जिसके लिए हम उनका हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं |

दोस्तों ! कमाल का चित्र था इस बार का .....जिसमें चित्र खींचने वाले फोटोग्राफर ने बुजुर्गों द्वारा कानों में बात कहने की स्वाभाविक प्रक्रिया को कितनी सहजता से एक अलग ही तरह के रंग में दर्शा दिया है तभी तो उस चतुर फोटोग्राफर को आदरणीया श्रीमती सीमा अग्रवाल द्वारा पुरस्कार स्वरुप यह दोहा  दिया गया है .....

 

‘जिसने खीचा चित्र ये, उसको जाय इनाम,

सीख बड़ी वो दे गया, बिन कौड़ी बिन दाम.’  

 

इस खाकसार का भी मानना  है कि  .... हरियाली खिड़की खुली, पूरे सब अरमान. फोटोग्राफर सोंचता, मार लिया मैदान..

लगातार तीन दिनों तक चली इस प्रतियोगिता के अंतर्गत कुल १०६० रिप्लाई आयीं हैं  जिन्होंने तीन दिवसीय प्रतियोगिता से सम्बंधित अपने ही पिछले रिकार्ड को तोड़कर एक नया कीर्तिमान बना दिया  है | जिसके लिए सभी ओ बी ओ सदस्य बधाई के पात्र हैं |

इस प्रतियोगिता के अंतर्गत अधिकतर  कुंडलिया , दुर्मिल सवैया,  मत्तगयन्द सवैया, छन्न -पकैया, दोहा, घनाक्षरी,  ललित या सार छंद (छन्न पकैया)  आदि अनेक विधाओं में छंद प्रस्तुत किये गये ,  इस बार भी छंदों की कुछ ऐसी रसधार बही कि सभी कुछ छंदमय हो गया|  इस प्रतियोगिता में समस्त प्रतिभागियों के मध्य, आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी आदरणीय अविनाश बागडे जी, आदरणीय संजय मिश्र 'हबीब' , डॉ० ब्रजेश त्रिपाठी, धर्मेन्द्र कुमार सिंह,  व आदरणीय गणेश जी बागी, आदरणीय योगराज प्रभाकर जी व  आदरणीय धर्मेन्द्र शर्मा जी आदि  ने अंत तक अपनी बेहतरीन टिप्पणियों के माध्यम से सभी प्रतिभागियों व संचालकों के मध्य परस्पर संवाद कायम रखा तथा तथा प्रतिक्रियाओं में छंदों का खुलकर प्रयोग करके इस प्रतियोगिता को और भी रुचिकर व आकर्षक बना दिया | आदरणीय श्री आलोक सीतापुरी जी,  आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी , श्री गणेश जी बागी, श्री सतीश मापतपूरी जी, श्री धर्मेन्द्र कुमार सिंह (सज्जन), श्री राणा प्रताप सिंह, श्री संजय मिश्र 'हबीब' जी, आदि नें भी प्रतियोगिता से बाहर रहकर मात्र उत्साहवर्धन के उद्देश्य से ही अपनी-अपनी स्तरीय रचनाएँ पोस्ट कीं जो कि सभी प्रतिभागियों को चित्र की परिधि के अंतर्गत ही अनुशासित सृजन की ओर प्रेरित करती रहीं, साथ-साथ सभी नें अन्य साथियों की रचनायों की खुले दिल से निष्पक्ष समीक्षा व प्रशंसा भी की जो कि इस प्रतियोगिता की गति को त्वरित करती रही | प्रसन्नता की बात यह भी है कि अभी-अभी हाल में ही ओ बी ओ से जुड़े हमारे नए सदस्य इस प्रतियोगिता को लेकर बहुत ही उत्साहित रहे हैं !

बंधुओं ! अत्यंत हर्ष का विषय यह है कि चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता छंदबद्ध होकर अपेक्षित गुणवत्ता की ओर अग्रसर हो रही है...........

इस यज्ञ में काव्य-रूपी आहुतियाँ डालने के लिए सभी ओ बी ओ मित्रों का हार्दिक आभार...


प्रतियोगिता का निर्णय कुछ इस प्रकार से है...

 

प्रथम पुरस्कार रूपये १००१/- व प्रमाण पत्र
प्रायोजक :-Ghrix Technologies (Pvt) Limited, Mohali
A leading software development Company

 प्रथम स्थान : पर श्रीमती सीमा अग्रवाल जी  के सतरंगी दोहे  प्रतिष्ठित हुए हैं |

 (१)

प्रीत बंसुरिया की लहर. कानन में जब जाय.

वय के सारे बंध सब ,पल भर में बह जाय ll1ll 

 

फागुन कर दे बावरा, दादा जी हरसाय ,

दादी पूछे कान में,  दूं क्या रंग लगाय ll2ll 

 

दादी जी की माँग सुन दादा जी हैं दंग,

हनीमून को जाऊँगी,सजना तुम्हरे संग ll3ll 

 

प्रीत प्यार का उम्र से ना है कोई नात ,

चढ़े प्रेम का रंग जब ,दूजे रंग बह जात ll4ll 

 

जिसने खीचा चित्र ये, उसको जाय इनाम,

सीख बड़ी वो दे गया बिन कौड़ी बिन दाम ll5ll

 ___________________________________________________________________

द्वितीय पुरस्कार रुपये ५०१/- व प्रमाण पत्र
प्रायोजक :-Ghrix Technologies (Pvt) Limited, Mohali

A leading software development Company

द्वितीय स्थान ;  पर श्री नीरज जी का ‘दुर्मिल सवैया’ विराजमान है 

बुढ़िया-बुढुवा मनुहार करै ऋतुराज बसंत कि मौसम मा.
मुख चुम्बन लोल कपोल लिए ऋतुराज बसंत कि मौसम मा.
सब गाल म लाल गुलाल मले ऋतुराज बसंत कि मौसम मा.
बुढ़िया-बुढुवा भी जवान लगे ऋतुराज बसंत कि मौसम मा..  _________________________________________________________________

तृतीय पुरस्कार रुपये २५१/-  व प्रमाण पत्र
प्रायोजक :-Rahul Computers, Patiala

A leading publishing House

तृतीय स्थान : श्री अविनाश बागडे जी के  ‘ललित/सार’ छंद छन्न पकैया को जाता है |

(ललित या सार छंद ठीक हरिगीतिका की तरह १६+१२=२८ मात्राओं वाला छंद है परन्तु इसके अंत में दो गुरु अर्थात गुरु-गुरु होते हैं जबकि हरिगीतिका के अंत में लघु-गुरु होता है इसे ऐसे पढते हैं लालालाला लालालाला ला ला ला ला लाला .........यहाँ भी धुन वाले ला का अभिप्राय गुरु वर्ण से न हो कर २ मात्रा भार से है)

छन्न पकैया

छन्न पकैया - छन्न पकैया ,क्यों जीवन एकाकी?

चुपके   काका क़े  कानो  में   पूछ  रही है  काकी.

#

छन्न पकैया  -   छन्न पकैया ,बीते कल की बातें.

जीवन  काटे  प्रौढ़ - युगल यूँ  आपस में बतियाते.

#

छन्न पकैया  -   छन्न पकैया ,छोड़ गए हैं सारे!

मजबूरी  ने  साथ  ला दिया,   उभरे  नए सहारे.

#

छन्न पकैया  - छन्न पकैया ,कैसी गुज़री रात ?

काकी  काका  क़े  कानो  मे  पूछ रही  ये बात,

#

छन्न पकैया  -   छन्न पकैया ,इनका जीवन-यापन!

जाने  चलती  सांसों  का ,  कब हो  जाये  समापन.

#

छन्न पकैया  -   छन्न पकैया ,सुन लो मेरी साधो.

'ये' लगती है चतुर सयानी ,'वो' मिटटी का माधो!

#

छन्न पकैया  -   छन्न पकैया ,इतनी बात परखना.

रिश्ते  बर्फ   न  हो  जाएँ ,  संवाद   बनाये   रखना.

#

छन्न पकैया  -   छन्न पकैया ,एक रुपैय्या दे दो.

काकी बोली या  दुकान से  इक   टाफी तो ले दो.

#

छन्न पकैया  -   छन्न पकैया ,चुम्बन देती काकी.

काका भी मदहोश हो गए,    दुनिया   देखे  बाकी.

#

छन्न पकैया  -   छन्न पकैया ,करके और बहाना!

हीर कह रही रांझे मुश्किल अब  मिलने है आना!!

#

छन्न पकैया  -   छन्न पकैया ,ये सुखिया-सुखलाल,

लैला-मजनू क़े  वंशज  हैं   या   सोनी - महिवाल ?

प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान के उपरोक्त सभी विजेताओं को सम्पूर्ण ओ बी ओ परिवार की ओर से हार्दिक बधाई व साधुवाद...

प्रथम व द्वितीय स्थान के उपरोक्त दोनों विजेता आगामी "चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता अंक-१२  के निर्णायक के रूप में भी स्वतः नामित हो गए हैं, तथा आप दोनों की रचनायें आगामी अंक के लिए स्वतः प्रतियोगिता से बाहर होगी |

जय ओ बी ओ!

अम्बरीष श्रीवास्तव

अध्यक्ष,

"चित्र से काव्य तक" समूह

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार

 

Views: 3073

Replies to This Discussion

आभार आदरणीय अविनाश बागडे जी |

स्वागत है आदरणीय भाई बागडे जी ! सर्वप्रथम इस मंच की ओर से हार्दिक बधाई स्वीकार करें ! समय-समय पर यह जिंदगी हम सभी के जीवन में विविध प्रकार के रंग भरती ही रहती है शायद यही तो जीवन चक्र है ....आपके सभी ललित या सार छंद (छन्न पकैया) उत्तम भावों से युक्त हैं ! शिल्प के हिसाब से इनके अंत में सके अंत में दो गुरु अर्थात गुरु-गुरु का निर्वहन आवश्यक है ! पुनः बधाई मित्र ! जय ओ बी ओ !

तीनों विजेताओं की जय हो :) प्रतियोगिता में जीतने की बहुत बधाई व शुभकामनायें. 

स्वागतम आदरणीया शन्नो जी !

सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई

स्वागत है आदरणीय धर्मेन्द्र जी !

तीनों विजेताओं सीमा जी ,नीरज जी ,अविनाश जी  को बधाई और शुभकामनाएँ

स्वागतम भाई रघुविन्द्र  यादव जी !

सभी रचनाओं के रचनाकारों को बधाई............पुरस्कृत रचनाओं को विशेष बधाई....

स्वागत है भाई शुभ्रांशु  जी !

 हार्दिक बधाई आपसभी विजताओं कोDSC04456

इस आयोजन सह प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हेतु चयनित होने पर श्रीमती सीमा अग्रवालजी, द्वितीय स्थान हेतु श्री नीरज जी तथा तृतीय स्थान हेतु अविनाश जी को मेरी हार्दिक बधाइयाँ. इस आयोजन की सफलता हेतु संचालक महोदय आदरणीय अम्बरीष जी को सादर प्रणाम.

समस्त प्रतिभागियों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ. 

इस आयोजन के माध्यम से भी हम सभी ने भारतीय सनातनी छंदों के विषय में बहुत कुछ जाना और बहुत कुछ सीखा, जोकि इसका मुख्य उद्येश्यहै.

सादर

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"सभी सदस्यों को यह बात स्पष्ट रूप से समझ लेना चाहिए कि यह पटल एक व्यवस्था है, व्यक्ति नहीं और किसी…"
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale posted a blog post

मनहरण घनाक्षरी

रिश्तों का विशाल रूप, पूर्ण चन्द्र का स्वरूप,छाँव धूप नूर-ज़ार, प्यार होतीं बेटियाँ।वंश  के  विराट…See More
1 hour ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा षष्ठक. . . . आतंक

दोहा षष्ठक. . . .  आतंकवहशी दरिन्दे क्या जानें , क्या होता सिन्दूर ।जिसे मिटाया था किसी ,  आँखों का…See More
1 hour ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"स्वागतम"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a discussion

पटल पर सदस्य-विशेष का भाषयी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178 के आयोजन के क्रम में विषय से परे कुछ ऐसे बिन्दुओं को लेकर हुई…See More
9 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"नीलेश जी, यक़ीन मानिए मैं उन लोगों में से कतई नहीं जिन पर आपकी  धौंस चल जाती हो।  मुझसे…"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय मैं नाम नहीं लूँगा पर कई ओबीओ के सदस्य हैं जो इस्लाह  और अपनी शंकाओं के समाधान हेतु…"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय  बात ऐसी है ना तो ओबीओ मुझे सैलेरी देता है ना समर सर को। हम यहाँ सेवा भाव से जुड़े हुए…"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय, वैसे तो मैं एक्सप्लेनेशन नहीं देता पर मैं ना तो हिंदी का पक्षधर हूँ न उर्दू का। मेरा…"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"नीलेश जी, मैंने ओबीओ के सारे आयोजन पढ़ें हैं और ब्लॉग भी । आपके बेकार के कुतर्क और मुँहज़ोरी भी…"
Saturday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"नमन, ' रिया' जी,अच्छा ग़ज़ल का प्रयास किया आपने, विद्वत जनों के सुझावों पर ध्यान दीजिएगा,…"
Saturday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"नमन,  'रिया' जी, अच्छा ग़ज़ल का प्रयास किया, आपने ।लेकिन विद्वत जनों के सुझाव अमूल्य…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service