For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सम्हरि जाऊ बाबू मिथिलानी जागि गेल ( लघुकथा )

" यौ गाम बाबू ,सुनलियै , कि कहैत छथिन पिसी दाई । "

" कि कहैत छथुन मंजूला बौआ , तोहर पिसी दाई ? "


" कहै छथिन जे कतबो पढेबै बेटी के , पाई तय गनहे पडतहू । पढल लिखल बेटी देबई, हुनकर बेटा समकक्ष , तय पाई रूपैया कियैक गनबै ..से कहू तय ..? "

" कि कहियौ बात बिचार मिथिला के बौआ , ताहि दिन चूरा दही खुआ कय सभा के बर - बरियाती के समाखन भय जाईत छलै । आब तय समय खराब भय गेलई , बुझलहूँ ! "

" यौ काका , आँहा कहू जदी पाई - रूपैया लय कय हमर बनल बेटी उठायत कियौ तय हम अनजाईत में बेटी बियाह करब लेकिन पाई- रूपैया दय कय हम मिथिला में बियाह नई करब । बुझलहूँ ने । "

" मति भ्रष्ट भय गेलहूँ कि तोहर मंजूला ! ई कि बजलैह ?"

"हम तय आब जे बजलहूँ से बजलहूँ । करबो सैह करब , नई तय कहियौ जे चेत जायत सब । "

कान्ता राॅय
भोपाल
मौलिक और अप्रकाशित

Views: 1397

Replies to This Discussion

बहुत नीक अछि। मुदा कने आर सजगता केर जरुरति छै। आब लड़की बाजै नै छै सीधा मनपसंद लड़का संग चलि जाइत छै से धेआन राखब बेसी जरूरी।

से बात एकदम सच कहलहूँ आदरणीय आशिश अन्चिंहार जी , मुदा आब एखन बेटी पढल लिखल सुशिक्षित भेलखिन । ओहो सब मान ममर्यादा सय चाहैत छथिन सब किछो । धिया पुता में ई संस्कार जागै से तय हमरे सबहक कर्तव्य अछि ने । लेकिन हम सब अप्पन धिया पूता के मिथिला संस्कार के आदर करबाक लेल जे कहबै ओहिना से तय नई हैत ने । हुनका सबके नीक देखेबनि हम सब कय के तहन ने .....!!! सादर

मैथिली समूहक बड्ड दिन भेल जे कोनो प्रस्तुति भेंटल. तकरा प एहेन नीक आ अग्रसोची गप्प करैत एइ लघुकथा लेल हम आदरणीया कान्ताजी के हार्दिक शुभकामना बाएजि रहल छी.

//मिथिला के बौआ , ताहि दिन चूरा दही खुआ कय सभा के बर - बरियाती के समाखन भय जाईत छलै //

:-))
हम त सौराठक गाछी तर सभा बला बर आ सौंसे समहुतक देखने छी. लिखल-पढ़ल आ बनल बरक बियाह कोना होएत छलैये सेहो बूझल अछि. परम्परा आ संस्कारक गप्प आब कतऽ रहि गेल ?

लघुकथा लेल पुनः हार्दिक धन्यवाद आ एइ समूहक आबाद करनाय सेहो आवश्यक अछि.
शुभ-शुभ

आई हमर लिखल पहिल मैथिली लघुकथा प्रस्तुत केलहूँ और आँहा सबहक आशिर्वाद पाबि मोन बडा प्रपन्न भेल बुझलहूँ ने आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी । ऐतेक प्रोत्साहन जे अपनेक देलियै तकर तय कोनों मोले नई छै । आँहाक कहब हम सदा मोन राखब जे मिथिला आ मैथिली साहित्य मंच के किछो योगदान हमरो तरफ सय भय जाय । मुदा एक बात हमरा अवश्य कहबाक जरूरत अछि ऐही समूहक मेंबर सब सय , जे हम तय मैथिली माध्यम सय पढल लिखल नई छी ताहि वास्ते किछ लिखबाक में साहित्यिक नजैर सय दोष भय सकैत अछी हमरा सय । से कनि मार्गदर्शन करब अपने सब हमरा ज्यों हम गलत होई तय । सादर नमन आँआँहाक फेर सय ।

//मुदा एक बात हमरा अवश्य कहबाक जरूरत अछि ऐही समूहक मेंबर सब सय , जे हम तय मैथिली माध्यम सय पढल लिखल नई छी ताहि वास्ते किछ लिखबाक में साहित्यिक नजैर सय दोष भय सकैत अछी हमरा सय //

आय बाप ! ई की बाजलहुँ अपने, आदरणीया ? मुदा तकरा पर त हमरासभ लेल मैथिलीमें लिखनाय सम्भवे नै होवाक चाही !  
:-))

गोर लगैत छी अपनेके हम । बुझि गेलहूँ कनिकबे में बहुत बात जे हमर पढ़ाई के माध्यम रोड़ा नई बनत । अहो भाग्य हमर जे अपनेक हमर गुरू तुल्य एही मंच पर उपस्थित भेटलहूँ । नई तय हम ऐही ओबीओ के विशाल सम्राज्य में किछो सही जानकारी नई पाबि ओझराईये कय मैर जैतहूँ । नमन आँहाक आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी ।

//ऐही ओबीओ के विशाल सम्राज्य में किछो सही जानकारी नई पाबि ओझराईये कय मैर जैतहूँ //

यौ की बाएजि रहल छी ? केम्हरो जे मरै ऊ अहाँक दुस्मन..
एइ मंचऽप बड्ड गोटा आ पैग सवांग सभ समय दे रहल छैत. दिशा बताबऽ बलाक कमी सेहो नै हेत.
सादर

"हम तय आब जे बजलहूँ से बजलहूँ । करबो सैह करब , नई तय कहियौ जे चेत जायत सब । " सुन्नर !!

वास्तविक में , कएटा एहन घटना समक्ष आएल अछि । 

मिथिलाक भ्रम कहिया टुटत नहीं जानि ! आभार आँहाक हृदयतल सय आदरणीय संजय जी जे ई लघुकथा आँहाक प्रत्यक्षित घटना सय मेल खायल । लघुकथा सत्य के प्रमाण पर लिखल जाईत छै नें ताहि सय हमहूँ ई हमरे सनके मिथिलानी क विचार सय प्रेरित भय लिखलहूँ । सादर ।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"जिसको देखो वही अदावत मेंकौन खुश है भला सियासत में।१।*घिस गयी जूतियाँ थमीं साँसेंकेस जिसका गया…"
4 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"सादर अभिवादन आदरणीय।"
6 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आदरणीय उस्ताद-ए-मुहतरम साहिब को सादर अभिवादन "
3 hours ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"सबका स्वागत है ।"
4 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . रोटी

दोहा पंचक. . . रोटीसूझ-बूझ ईमान सब, कहने की है बात । क्षुधित उदर के सामने , फीके सब जज्बात ।।मुफलिस…See More
10 hours ago
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा पंचक - राम नाम
"वाह  आदरणीय लक्ष्मण धामी जी बहुत ही सुन्दर और सार्थक दोहों का सृजन हुआ है ।हार्दिक बधाई…"
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
yesterday
दिनेश कुमार posted a blog post

प्रेम की मैं परिभाषा क्या दूँ... दिनेश कुमार ( गीत )

प्रेम की मैं परिभाषा क्या दूँ... दिनेश कुमार( सुधार और इस्लाह की गुज़ारिश के साथ, सुधिजनों के…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

दोहा पंचक - राम नाम

तनमन कुन्दन कर रही, राम नाम की आँच।बिना राम  के  नाम  के,  कुन्दन-हीरा  काँच।१।*तपते दुख की  धूप …See More
yesterday
Sushil Sarna posted blog posts
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"अगले आयोजन के लिए भी इसी छंद को सोचा गया है।  शुभातिशुभ"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका छांदसिक प्रयास मुग्धकारी होता है। "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service