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उ प्यार कहाँ से ले आई , जे से तोहके आपन बनाई

उ बंधन कहाँ से ले आई , जे से तोहके बाँध पाई

उ सपना कहाँ से ले आई, जे मे तोहार दरश पाई

उ दुनिया कहाँ से ले आई, जे मे तोहके ख़ुश रख पाई

उ अँजोर कहाँ से ले आई, जे से तोहके राह देखाई

उ शक्ति कहाँ से ले आई, जे से तहरा बिन जी पाई

उ हाथ कहाँ से ले आई, जे के पकड़ हम जीवन पार लगाई


तू लौट के आजा हमरा पास, अब हम सब्र कहाँ से लाई

कइसे मुस्कुराई, कइसे ना लोर बहाई

उ तोहार प्यार हम कइसे भूल जाई

जान से भी प्यारा बारऽ ,इ तोहके हम कइसे समझाई

उ प्यार कहाँ से ले आई , जे से तोहके आपन बनाई

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Replies to This Discussion

Raju bhaiya pranaam. Ka jaandaar likhale bara. Bada badhiya.
राजू भाई बहुते बरियार रचना बा, हम खली एतने कहब की ,
रचना बनल बा जोरदार, टिप्पणी मे पीछे काहे हम रह जाई,
मन करत बा तारीफ़ करे के, पर सुंदर शब्द कहा से ले आई,

बहुत खूब, जा झार के ....

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