For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

राजस्थानी साहित्य Discussions (17)

← Back to राजस्थानी साहित्य
Discussions Replies Latest Activity

कस्तूरी री महक

थारे बिण म्हारो जियो रे  भटके  सुण क्यूं न  लेवे   तू म्हारी पुकार  म्हाने रात्यां में नींद कोणी  आवे रे  थारी ओल्युं ढोला म्हाने जगावे  रे…

Started by डिम्पल गौड़

1 Feb 2, 2015
Reply by डिम्पल गौड़

मीरा बाट जोवे थारी .....

म्हारी आँख्यां  बाट जोवे थारी  ओ  सावरिया म्हारा  गिरधारी  मीरा रे मन री  बातां समझे रे कुण आ तो दरस निहारे थारी ओ बनवारी वीणां रां तार बाज…

Started by डिम्पल गौड़

2 Jan 31, 2015
Reply by डिम्पल गौड़

फरक है याद रै मांय / राजस्थानी कविता/ कृष्ण वृहस्पति

म्हूं तेरै पांती रै मेह मांय भीजै हो जणा तू तपै ही मेरै हिस्सै रै तावड़ै मांय। आज भी तूं म्हारी याद रै मरूथळ मांय बळै है दिन-रात अर म्हे बै…

Started by Krishan Vrihaspati

0 Sep 13, 2013

सुप्रभात राजस्थान

लाल सुरंगो सूरज ऊग्यौ, सुरंगो हुयौ असमान। कहे बिरकाळी भायां नै, सुप्रभात राजस्थान।। बात बताऊं एक पते गी, सुणल्यौ ध्यान लगाय। आपणी भाषा राज…

Started by सतवीर वर्मा 'बिरकाळी'

0 Feb 28, 2013

राजस्थानी भाषारी मान्यता र वास्ते

राजस्थानी भाषारी मान्यता र वास्ते  विकास बारे में राजस्थान साहित्य अकादमी न पुरजोर मांग कर राजस्थानी भाषा न  मान्यता दिलाबा र वास्ते जितरी…

Started by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला

0 Feb 19, 2013

महकेगी राजस्थानरी धोरांरी खुशबु

  विश्व प्रसिद्द जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल जो दि 24 जनुअरी से 28 जनवरी 2013 तक कारणों तय हुयो है माय अबकी बार राजस्थान री भाषा और साहित्य वास्…

Started by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला

2 Feb 18, 2013
Reply by KISHAN KUMAR

ओ बी ओ परिवार रो घणो मान आभार ....

 

Started by asha pandey ojha

10 Dec 2, 2012
Reply by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपसे मिले अनुमोदन हेतु आभार"
7 hours ago
Chetan Prakash commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"मुस्काए दोस्त हम सुकून आली संस्कार आज फिर दिखा गाली   वाहहह क्या खूब  ग़ज़ल '…"
21 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२२१/२१२१/१२२१/२१२ ***** जिनकी ज़बाँ से सुनते  हैं गहना ज़मीर है हमको उन्हीं की आँखों में पढ़ना ज़मीर…See More
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन एवं स्नेह के लिए आभार। आपका स्नेहाशीष…"
Wednesday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . नजर

नजरें मंडी हो गईं, नजर हुई  लाचार । नजरों में ही बिक गया, एक जिस्म सौ बार ।। नजरों से छुपता…See More
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आपको प्रयास सार्थक लगा, इस हेतु हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण धामी जी. "
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से अलंकृत करने का दिल से आभार आदरणीय । बहुत…"
Wednesday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"छोटी बह्र  में खूबसूरत ग़ज़ल हुई,  भाई 'मुसाफिर'  ! " दे गए अश्क सीलन…"
Tuesday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"अच्छा दोहा  सप्तक रचा, आपने, सुशील सरना जी! लेकिन  पहले दोहे का पहला सम चरण संशोधन का…"
Tuesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। सुंदर, सार्थक और वर्मतमान राजनीनीतिक परिप्रेक्ष में समसामयिक रचना हुई…"
Tuesday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . नजर

नजरें मंडी हो गईं, नजर हुई  लाचार । नजरों में ही बिक गया, एक जिस्म सौ बार ।। नजरों से छुपता…See More
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service