For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

kavita kya hai ?
do sabdon ke beech ka maun kavita hai ....ajyenji
(pl write yr definition of poem )

Views: 913

Reply to This

Replies to This Discussion

sabdo ki anugunj mein kavita hai .....
sabdo ke bhitr chipi raag ko sangeet jo de wo kavita hai ...
sabhi kaviyon se,pathkon se anunay nivedan hai ki ve kavita ko peribhasit kere taki hum jaan sakekavita kya hai?
आदरणीय राकेश नारायण जी, सबसे पहले तो मै आपके Open Books Online के फोरम पर पहला परिचर्चा प्रारम्भ करने हेतु धन्यबाद देता हू ,
जब अनुभव कि कढाई मे, मन मे उपजे विचारो को डाल कर, ह्रदय की कलछी से बराबर चलाते हुए , समय कि आग पर, शब्दो के छौका के साथ जो व्यंज्जन बनता है मेरे ख्याल से उसी का नाम कविता है ।
कविता सबदो के माध्यम से ,अनुभव को चित्रित करने का एक सलीका है ..तथ्यों को भोगने के बाद उपजी विसंगति से प्रेरित हुए करुणा या गुस्सा है या ...
मन कि व्यथा को अभिव्क्त करने का एक माध्यम है, लेखक के अन्दर के गुब्बार को बाहर निकालने का एक ससक्त जरिया है या...........
कविता एन सबसे तटस्थ रह कर केवल एक ठंडी चाव है तपते मरुस्थल की उष्मा को सहने की ताक़त देनेवाली ...शीतल पनाह है ....
शान्तिप्रिय लोगो का,
हथियार है कविता,
करे गम्भीर असर ऐसा,
वार है कविता,
काट दे तलवार से भी गहरा घाव,
वो धार है कविता,
जो दिल मे आहिस्ते से उतर जाये,
वो प्यार है कविता,
घावों को जो सहला दे
दर्द को जो सहने की ताक़त दे
सबदो को जो गूँज दे
म्न को जो सुकून दे
कहे कुछ नही
इशारा भर केरे
ततषट रह कर जो
राग ऐसी सुनाए
की मंतरा मुग्ध
होकेर फिर पाठक
को ऐसी रह दे
जिस पेर चल कर
वो उसे पा जाए
जिसे ढूंढता ढूंढता
वो कवि हो जाए

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"एक ग़ज़ल २२   २२   २२   २२   २२   …"
3 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"स्वागतम"
15 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
15 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
"आदरणीय चेतन जी सृजन के भावों को मान और सुझाव देने का दिल से आभार आदरणीय जी"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
"आदरणीय गिरिराज जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है सर"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी प्रतिक्रिया से उत्साहवर्धन हुआ। स्नेह के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरनीय लक्ष्मण भाई  , रिश्तों पर सार्थक दोहों की रचना के लिए बधाई "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
"आ. सुशील  भाई  , विरह पर रचे आपके दोहे अच्छे  लगे ,  रचना  के लिए आपको…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ. भाई चेतन जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति के लिए हार्दिक धन्यवाद।  मतले के उला के बारे में…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति के लिए आभार।"
yesterday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
"आ. सुशील  सरना साहब,  दोहा छंद में अच्छा विरह वर्णन किया, आपने, किन्तु  कुछ …"
Thursday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service