For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मुक्त छंद कितने समसामयिक है.

मुक्त छंद कितने समसामयिक है. यह आज के काव्य जगत मे प्रमुख विषय है .. क्या मुक्त छंद कालजयी है.

Views: 1312

Reply to This

Replies to This Discussion

मेरा मानना है श्रीवास्तव  जी 

मुक्त छंद हो या छंद बदध कविता के भाव ही उसे ऊंचाई तक ले जाते हैं 
भाव के साथ कविता के कंटेंट्स व उस का सम्यक मूल्य कविता की परिपक्व्यता और सौन्दर्य बोध उस के श्रृंगार हैं 
Dr. Swaran J Omcawr

//मुक्त छंद कितने समसामयिक है.//

आज के तथाकथित ’कवियों’ और साग्रही कवियों द्वारा रचनाकर्म का बहुत बड़ा प्रतिशत मुक्तछंद में ही होता है. यह् असमसामयिक होने का बहुत बड़ा प्रमाण है.

//क्या मुक्त छंद कालजयी है.//

निराला की वह तोड़ती पत्थर.. या अज्ञेय की दुख मांजता है..  तमाम कालजयी रचनाओं में से ही हैं. यह सूची बहुत-बहुत लम्बी है.

लेकिन तथ्यपरक बात यह है कि रचनाओं का कथ्य प्रमुख है. लेकिन काव्य की अन्यान्य सक्षम विधाओं को प्रखर व सामयिक रखना कवियों का ही सबसे दायित्व है, सबसे बड़ा दायित्व.  शास्त्रीय विधाएँ संप्रेषण का सार्थक साधन हैं.

मुक्त छंद के नाम पर केवल शब्द-जाल की कोई सामयिकता नहीं है।यदि उनमें कथ्य एवं भाव सम्प्रेषणियता हो तो वे कालजयी हो सकती हैं। निराला, अज्ञेय, मुक्तिबोध इसके ज्वंलत उदाहरण हैं। लेकिन हम यह नहीं कह सकते की सनातनी छंद आज के परिवेश में आप्रासंगिक हो गये हैं या वे वर्तमान समाज का यथानुरूप चित्रण करने में समर्थ नहीं हैं।बल्कि यदि साहित्य कर्म साधना है, तो छंदोबद्ध रचना करना कठोर तपस्या है और सम्भवत: कठिन तप ही किसी सिद्धि का प्रमुख मानदण्ड है।
संक्षेप में स्तरीय मुक्त छंद के साथ छंदोबद्ध रचनाओं का होना हिन्दी साहित्य के विस्तृत आकाश का द्योतक होगा, जो हमारे लिये गर्व का विषय है।

भाई विंध्येश्वरी ’विनय’, मुक्तिबोध का सही नाम लिया है आपने. यों, यह फ़ेहरिश्त बहुत लम्बी है जहाँ रचनाकारों ने मुक्तछंद कविताओं में गहन वैचारिकता में पगे ऐसे-ऐसे सान्द्र तथ्य प्रस्तुत किये हैं कि मात्र उनकी नहीं आने वाली पीढ़ियाँ लाभान्वित होती रहेंगीं.

//लेकिन हम यह नहीं कह सकते की सनातनी छंद आज के परिवेश में आप्रासंगिक हो गये हैं या वे वर्तमान समाज का यथानुरूप चित्रण करने में समर्थ हैं।//

इस पंक्ति की आवश्यकता ही नहीं थी.  झट विषयांतर हो जायेगा.  चर्चाओं में बातें विन्दुवत रखना आवश्यक है. है न ?

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय अजय गुप्ता अजेय जी आदाब, आपकी ग़ज़ल के अशआर बहुत अच्छे साँचे में ढाले गये हैं मह्ज़ तराशने…"
28 seconds ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"सफलता घड़ी देख कर नहीं जुनून से मिलती है। आंतरप्रेन्योर और नौकर में सिर्फ घड़ी भर का फ़र्क है"
27 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"धन्यवाद"
29 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"//कहा ये मुझ से कई कामयाब लोगों ने न वक़्त देख कभी काम में घड़ी न मिला// //घड़ी मिलाना तो समय का…"
46 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"मिलाया लाख ज़माने से अपना जी न मिला   न पहली बार मिला और फिर कभी न मिला.... वाह क्या बात…"
52 minutes ago
Mayank Kumar Dwivedi replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"सादर नमन sir जी 🙏धन्यवाद आपका 🙏मैं सुधार करता हूँ 🙏"
1 hour ago
Mayank Kumar Dwivedi replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदाब भैया जी धन्यवाद आपका 🙏😊🙏"
1 hour ago
Amit Kumar "Amit" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"जिससे मिलने की आस थी, वही न मिला।हमेशा पास रहा पर कहीं कभी न मिला।।1।। वो एक धोखा है शायद, खुशी की…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का उम्दा प्रयास है मुबारकबाद पेश करता हूँ... और, एक…"
3 hours ago
Mayank Kumar Dwivedi posted a blog post

ग़ज़ल

आप भी सोचिये और हम भी कि होगा कैसे,,हर किसी के लिए माहौल ये उम्दा कैसे।। क्या बताएं तुम्हें होता है…See More
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ 'मन के कोने में…See More
3 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
3 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service