For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ओबीओ पर 'अप्रकाशित' वाला नियम उचित है किंतु मेरे विचार से कोपयोगी सामग्री को इसमें कुछ छूट मिलनी चाहिए। जो सामग्री हमारे साहित्‍य की गौरव-गरिमा में अभिवृद्धि करने के उद्देश्‍य से तैयार की गई हो उसकी पाठकों में अधिक से अधिक पहुंच संभव बनाने में सबकी भूमिका है। हमारी यानि ओबीओ मंच की। यहां हमारे मित्रों को भी ऐसी सामग्री सहजता से मिलनी ही चाहिए। प्रसंगवश यहां उल्‍लेख आवश्‍यक है कि मैंने महाकवि जयशंकर प्रसाद के जीवन-युग पर आधारित अपने आगामी उपन्‍यास 'कंथा' का एक अंश अपने ब्‍लॉग पर पोस्‍ट करने का प्रयास किया जिसे ओबीओ एडमिन ने नियमानुसार स्‍वीकार नहीं किया। एडमिन का निर्णय शत-प्रतिश्‍ात नियमानुकूल, मान्‍य-सम्‍मान्‍य और स्‍वीकार्य है। इस संदर्भ में इन पंक्तियों के लेखक का सिर्फ यही विनम्र निवेदन है कि बेशक यह सामग्री वेब पर अन्‍यत्र पहले से उपलब्‍ध है किंतु इसे इस दृष्टिकोण के तहत यहां पोस्‍ट किया गया था कि हमारे ओबीओ-साथियों को भी अपने साहित्‍य की महानतम विभूतियों के जीवन-प्रसंगों से अवगत होने का अवसर मिले। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि यह वह समय है जब हमारी नई पीढि़यों में अपने अतीत के गौरव-प्रसंगों-संदर्भों के प्रति जिज्ञासा तो कम नहीं किंतु एक खास तरह की अफरातफरी व्‍याप्‍त है। हमें इस सदर्भ में समुचित पहल करनी ही चाहिए...

Views: 2124

Reply to This

Replies to This Discussion

सुधिजनो के बीच मैं अपना विचार रख रहा हूँ (क्षमा सहित ) अगर हम अपनी प्रकशित रचनाए ही पोस्ट करते रहेंगे तो यहाँ पर पुरानी रचनाओं कि बाढ़ सी आ जायेगी और नई रचनाओं को पनपने का मौका ही नहीं मिलेगा | मेरे ख्याल से नियमों में कोई बदलाव नहीं आना चाहिए |

आप सभी का स्वागत है | मेरे विचार में ओ बी ओ के नियमों में संशोधन कराने के बजाय हमें सर्वसम्मति से बने हुए नियमों का पालन करते हुए रचनाधर्मिता को प्रोत्साहन देना चाहिए !  जय ओ बी ओ !

सादर:

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. सौरभ सर .ग़ज़ल तक आने और उत्साहवर्धन करने का आभार ...//जैसे, समुन्दर को लेकर छोटी-मोटी जगह…"
37 minutes ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।  अब हम पर तो पोस्ट…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आ. भाई शिज्जू 'शकूर' जी, सादर अभिवादन। खूबसूरत गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
18 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आदरणीय नीलेश नूर भाई, आपकी प्रस्तुति की रदीफ निराली है. आपने शेरों को खूब निकाला और सँभाला भी है.…"
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय posted a blog post

ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)

हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है पहचान छुपा के जीता है, पहचान में फिर भी आता हैदिल…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन।सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। इस मनमोहक छन्दबद्ध उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
" दतिया - भोपाल किसी मार्ग से आएँ छह घंटे तो लगना ही है. शुभ यात्रा. सादर "
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"पानी भी अब प्यास से, बन बैठा अनजान।आज गले में फंस गया, जैसे रेगिस्तान।।......वाह ! वाह ! सच है…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"सादा शीतल जल पियें, लिम्का कोला छोड़। गर्मी का कुछ है नहीं, इससे अच्छा तोड़।।......सच है शीतल जल से…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service