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dilbag virk's Discussions (601)

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"शुक्रिया  यही सब जानना है कि क्या क्या सुधार हो सकता है "

dilbag virk replied Feb 14, 2021 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-124

31 Feb 14, 2021
Reply by DR ARUN KUMAR SHASTRI

"दोहे  आओ करना छोड़ दें, नफ़रत का व्यापार बन जाएगा प्रेम फिर, जीवन का आधार। प्रेम ब…"

dilbag virk replied Feb 14, 2021 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-124

31 Feb 14, 2021
Reply by DR ARUN KUMAR SHASTRI

"शुक्रिया आदरणीय"

dilbag virk replied Oct 21, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग-1)

2001 Oct 21, 2018
Reply by Afroz 'sahr'

"शुक्रिया आदरणीय "

dilbag virk replied Oct 21, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग-1)

2001 Oct 21, 2018
Reply by Afroz 'sahr'

"शुक्रिया आदरणीय"

dilbag virk replied Oct 21, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग-1)

2001 Oct 21, 2018
Reply by Afroz 'sahr'

"शुक्रिया तिवारी साहब"

dilbag virk replied Oct 21, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग-1)

2001 Oct 21, 2018
Reply by Afroz 'sahr'

"शुक्रिया आदरणीय"

dilbag virk replied Oct 21, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग-1)

2001 Oct 21, 2018
Reply by Afroz 'sahr'

"शुक्रिया महेंद्र कुमार जी"

dilbag virk replied Oct 21, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग-1)

2001 Oct 21, 2018
Reply by Afroz 'sahr'

"शुक्रिया आदरणीया"

dilbag virk replied Oct 21, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग-1)

2001 Oct 21, 2018
Reply by Afroz 'sahr'

"शुक्रिया नीलेश जी"

dilbag virk replied Oct 21, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग-1)

2001 Oct 21, 2018
Reply by Afroz 'sahr'

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Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-166
"गांव शहर और ज़िन्दगीः दोहे धीमे-धीमे चल रही, ज़िन्दगी अभी गांव। सुबह रही थी खेत में, शाम चली है…"
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अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (ग़ज़ल में ऐब रखता हूँ...)
"आदाब, उस्ताद-ए-मुहतरम, आपका ये ख़िराज-ए-तहसीन क़ुबूल फ़रमा लेना मेरे लिए बाइस-ए-शरफ़ और मसर्रत है,…"
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"//मुहतरम समर कबीर साहिब के यौम-ए-पैदाइश के अवसर पर परिमार्जन करके रचना को उस्ताद-ए-मुहतरम को नज़्र…"
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"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-166

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
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"चूंकि मुहतरम समर कबीर साहिब और अन्य सम्मानित गुणीजनों ने ग़ज़ल में शिल्पबद्ध त्रुटियों की ओर मेरा…"
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