For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

harkirat heer's Discussions (144)

Discussions Replied To (123) Replies Latest Activity

"तुम्हें अब याद हो 'मुमताज़' की चाहे न हो लेकिन कभी दुनिया के लब पे अपना अफसाना भी हो…"

harkirat heer replied Apr 24, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-१० (Now Closed)

267 Apr 25, 2011
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"ख़ुशी को ढूंढता फिरता था क्यों इन्सान दोनों में हर इक आबाद घर में एक वीराना भी होता…"

harkirat heer replied Apr 24, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-१० (Now Closed)

267 Apr 25, 2011
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"बसे थे ख्वाब आँखों में मिले दीदार हसरत थी अदाएं शोख लगती और तड़पाना भी होता था|   ओये…"

harkirat heer replied Apr 24, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-१० (Now Closed)

267 Apr 25, 2011
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"न देखो झुर्रियाँ पलकों की तुम ऐसी निगाहों से इन्हीं आँखों में बीते वक्त मयखाना भी हो…"

harkirat heer replied Apr 24, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-१० (Now Closed)

267 Apr 25, 2011
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"न देखो झुर्रियाँ पलकों की तुम ऐसी निगाहों से इन्हीं आँखों में बीते वक्त मयखाना भी हो…"

harkirat heer replied Apr 24, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-१० (Now Closed)

267 Apr 25, 2011
Reply by Er. Ambarish Srivastava

मुख्य प्रबंधक

"साहित्य वाचस्पति, 'विद्यासागर, 'काव्य-धुरीण 'साहित्य मनीषी जानकी बल्लभ शास्त्री जी क…"

harkirat heer replied Apr 8, 2011 to छाया वाद के अंतिम स्तम्भ आचार्य जानकी बल्लभ शास्त्री अब हमारे बीच नहीं रहे ...

10 Apr 9, 2011
Reply by Sanjay Rajendraprasad Yadav

"अक्सर मैं गुम हुआ हूँ अंधेरों के शह्र में हर बार ढूंढ ढूंढ के लाता रहा है वो दोस्त…"

harkirat heer replied Apr 7, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ६ (Now Closed)

449 Apr 7, 2011
Reply by Admin

"जी दोस्त ही हैं जो कब्रों में उतरने नहीं देते ....!!   .):"

harkirat heer replied Apr 6, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ६ (Now Closed)

449 Apr 7, 2011
Reply by Admin

"धर्मेन्द्र जी दिल से शुक्रिया अदा करने के लिए मुझे फिर से अपनी नज्मों को पढ़ना पड़ा ,…"

harkirat heer replied Apr 6, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ६ (Now Closed)

449 Apr 7, 2011
Reply by Admin

"आद. सौरभ जी आपकी टिपण्णी से हथेली पे गिरी बूंद फडफड़ाई है......!!"

harkirat heer replied Apr 6, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ६ (Now Closed)

449 Apr 7, 2011
Reply by Admin

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. भाई जैफ जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद।"
5 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय ज़ैफ़ जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
8 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय ज़ेफ जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
9 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"//जिस्म जलने पर राख रह जाती है// शुक्रिया अमित जी, मुझे ये जानकारी नहीं थी। "
9 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय अमित जी, आपकी टिप्पणी से सीखने को मिला। इसके लिए हार्दिक आभार। भविष्य में भी मार्ग दर्शन…"
9 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"शुक्रिया ज़ैफ़ जी, टिप्पणी में गिरह का शे'र भी डाल देंगे तो उम्मीद करता हूँ कि ग़ज़ल मान्य हो…"
9 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. दयाराम जी, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास रहा। आ. अमित जी की इस्लाह महत्वपूर्ण है।"
9 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. अमित, ग़ज़ल पर आपकी बेहतरीन इस्लाह व हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिय:।"
9 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी, समयाभाव के चलते निदान न कर सकने का खेद है, लेकिन आदरणीय अमित जी ने बेहतर…"
9 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. ऋचा जी, ग़ज़ल पर आपकी हौसला-अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिय:।"
9 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. लक्ष्मण जी, आपका तह-ए-दिल से शुक्रिय:।"
9 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service