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sanjiv verma 'salil''s Discussions (1,064)

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"मुश्किल बहुत दिगंबर होना, नंगा होना है आसान. सब में रब दिख पाए जब तो, 'सलिल' उसे दीद…"

sanjiv verma 'salil' replied Feb 25, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"अभिनव अरुण रोज उगता है, क्यों न इसे उजियार कहें. हो हताश चुक जाती रजनी, 'सलिल' उसे अ…"

sanjiv verma 'salil' replied Feb 25, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"जो बिन माँगे मिल जाता है 'सलिल' उसे उपहार कहें.प्रीत मिले जब प्रीतम से तो कैसे हम आभ…"

sanjiv verma 'salil' replied Feb 25, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"मेरे पहलू में कुछ यादें रोने आती हैं  मेरा दामन रोज़ सवेरे गीला लगता हैवल्लाह ऐसा दम…"

sanjiv verma 'salil' replied Feb 25, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"मेरे पहले गीत की पंक्तियाँ हैं:बांटो औरों में जो भी अमृतमय होगरल कंठ में धारण करलो न…"

sanjiv verma 'salil' replied Feb 25, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"achchhee koshish..."

sanjiv verma 'salil' replied Feb 23, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"सिर्फ़ ख़ुदा के आगे झुकता हूं , मुझसे उम्मीद न रख, शाह से एक  नक़ीब फ़कीर की गैरत-ए-दस्त…"

sanjiv verma 'salil' replied Feb 23, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"धर्मेन्द्र जी! हर शे'रअपने आपमें मुकम्मल और मौजूं... बधाई..."

sanjiv verma 'salil' replied Feb 23, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"खुशियाँ दे कर मैं गम लूँ मुझको दुनिया लाचार कहे  मेरा सुख क्या समझे नादां जो मुझ को…"

sanjiv verma 'salil' replied Feb 23, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"हम कैसे इस बात को मानें कहने को संसार कहे संजीव 'सलिल' * सार नहीं कुछ परंपरा में, र…"

sanjiv verma 'salil' replied Feb 23, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

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२१२२/२१२२/२१२ **** तीर्थ जाना  हो  गया है सैर जब भक्ति का यूँ भाव जाता तैर जब।१। * देवता…See More
Nov 5

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Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
Nov 2
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दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
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