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Saurabh Pandey's Discussions (17,353)

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"आदरणीय नादिर भाई, आपकी प्रस्तुति का स्वागत है। हार्दिक बधाइयाँ ..  ज़रा सा बढ़ा दो जो…"

Saurabh Pandey replied Feb 10, 2019 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-100

1202 Feb 12, 2019
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय जवाहरलाल जी, आपके सार्थक दोहों के लिए हार्दिक बधाई। आपकी सक्रियता भली लग रही…"

Saurabh Pandey replied Feb 10, 2019 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-100

1202 Feb 12, 2019
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय अनीस शेख़ साहब, प्रस्तुत ग़ज़ल को २१२२ १२१२ २२/११२ के आधार पर देख जायँ । आपका प्…"

Saurabh Pandey replied Feb 10, 2019 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-100

1202 Feb 12, 2019
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आपका हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय शेख़ शहज़ाद उस्मानी जी।  आपने समवेत सीखने की मेरी ललक को…"

Saurabh Pandey replied Feb 10, 2019 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-100

1202 Feb 12, 2019
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय समर साहब !  एक उद्धरण लें -  विश्व में जवाहर लाल नेहरू को कौन नहीं जानता ? वे…"

Saurabh Pandey replied Feb 10, 2019 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-100

1202 Feb 12, 2019
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय छोटेलाल जी, इस आयोजन में आपका स्वागत है।  आपकी सहज और प्रेरक गेय-रचना के लिए…"

Saurabh Pandey replied Feb 10, 2019 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-100

1202 Feb 12, 2019
Reply by मिथिलेश वामनकर

"विधा : गीत शीर्षक : दिल से ==========बात हो अधर न बोले भाव-मन आँखें कहें स्वर कुछ न…"

Saurabh Pandey replied Feb 10, 2019 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-100

1202 Feb 12, 2019
Reply by मिथिलेश वामनकर

"जब आप, आदरणीय, अपनी समझ से घनीभूत हुए आच्छादित हो चुके हों, तो फिर मैं अपनी बात स्वय…"

Saurabh Pandey replied Feb 10, 2019 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-100

1202 Feb 12, 2019
Reply by मिथिलेश वामनकर

"भाई पंकज जी, आपकी प्रस्तुति की अंतर्धारा मोहक तो है, किन्तु, कतिपय शब्दों का चयन सा…"

Saurabh Pandey replied Feb 10, 2019 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-100

1202 Feb 12, 2019
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय सतविन्द्र कुमार राणा जी, अच्छी ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाइयाँ..  पीड़ शुद्ध शब्द…"

Saurabh Pandey replied Feb 10, 2019 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-100

1202 Feb 12, 2019
Reply by मिथिलेश वामनकर

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गिरिराज भंडारी commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)
"आदरणीय अजय भाई , अच्छी ग़ज़ल हुई है , हार्दिक बधाई ,  क्यों दोष किसी को देते हैं, क्यों नाम किसी…"
5 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. नीलेश भाई बेहद  कठिन रदीफ  पर आपंर अच्छी  ग़ज़ल कही है , दिली बधाईयाँ "
9 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आ. नीलेश भाई , बेहतरीन ग़ज़ल हुई है ,सभी शेर एक से बढ कर एक हैं , हार्दिक बधाई ग़ज़ल के लिए "
17 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )

१२२२    १२२२     १२२२      १२२मेरा घेरा ये बाहों का तेरा बन्धन नहीं हैइसे तू तोड़ के जाये मुझे अड़चन…See More
5 hours ago
Nilesh Shevgaonkar posted a blog post

ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं

मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं मगर पाण्डव हैं मुट्ठी भर, खड़े हैं. .हम इतनी बार जो गिर कर खड़े हैं…See More
5 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय posted a blog post

ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)

देखे जो एक दिन का भी जीना किसान कासमझे तू कितना सख़्त है सीना किसान कामिट्टी नहीं अनाज उगलती है तब…See More
5 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. सौरभ सर,यह ग़ज़ल तरही ग़ज़ल के साथ ही हो गयी थी लेकिन एक ही रचना भेजने के नियम के चलते यहाँ…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। यह गजल भी बहुत सुंदर हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"आदरणीय नीलेश भाई,  आपकी इस प्रस्तुति के भी शेर अत्यंत प्रभावी बन पड़े हैं. हार्दिक बधाइयाँ…"
Wednesday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"साथियों से मिले सुझावों के मद्दे-नज़र ग़ज़ल में परिवर्तन किया है। कृपया देखिएगा।  बड़े अनोखे…"
Wednesday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. अजय जी ...जिस्म और रूह के सम्बन्ध में रूह को किसलिए तैयार किया जाता है यह ज़रा सा फ़लसफ़ा…"
Wednesday

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