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Abhinav Arun's Discussions (1,778)

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सदस्य टीम प्रबंधन

"मानता हूँ गज़लगोई में नया हूँ ,पर मैं इतना सोच कर ,बनाकर ,प्रयास कर नहीं लिखता ,बस 'व…"

Abhinav Arun replied Sep 19, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-3 (Now Closed)

380 Sep 23, 2010
Reply by योगराज प्रभाकर

सदस्य टीम प्रबंधन

"मेरी आँखों में आखिर नमी रह गयी, ज़िन्दगी में तुम्हारी कमी रह गयी. उड़ चले जो परिंदे…"

Abhinav Arun replied Sep 18, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-3 (Now Closed)

380 Sep 23, 2010
Reply by योगराज प्रभाकर

"जान कर ख़ुशी हुई . यह ओ बी ओ की जीवन्तता का प्रतीक होगा और स्वस्थ माहौल बनाएगा .शुभक…"

Abhinav Arun replied Sep 15, 2010 to रचनाओं को सम्मानित करने की एक अनूठी पहल @ महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना ( Best Creation of the Month )

871 Oct 14, 2023
Reply by rohit mitro

सदस्य टीम प्रबंधन

"तरही में मज़ा आ गया .पुरुषोत्तम जी क्या कहना -- 'धुँआ न होता है जुदा लौ से कभी "आज़र"…"

Abhinav Arun replied Sep 12, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-२ ( Closed Now )

97 Sep 15, 2010
Reply by Navin C. Chaturvedi

सदस्य टीम प्रबंधन

"हकीकत बयान कर गए आप बहुत बढ़िया ...क्या कामयाब शेर है.. 'छ्ला गया हरेक बार भावना में…"

Abhinav Arun replied Sep 12, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-२ ( Closed Now )

97 Sep 15, 2010
Reply by Navin C. Chaturvedi

सदस्य टीम प्रबंधन

"क्या बात है ..इतने में इतना ..लाजवाब ..."

Abhinav Arun replied Sep 12, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-२ ( Closed Now )

97 Sep 15, 2010
Reply by Navin C. Chaturvedi

सदस्य टीम प्रबंधन

"बहुत खूब राणा जी एक-एक शेर मोतियों जैसा किस का ज़िक्र करूं. नहले पर दहला .... 'न आया…"

Abhinav Arun replied Sep 12, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-२ ( Closed Now )

97 Sep 15, 2010
Reply by Navin C. Chaturvedi

सदस्य टीम प्रबंधन

"वाह भाई वाह !!! मन मिज़ाज से मुशायरे का मज़ा आ गया !! "नज़र मिला के हमने तुमसे बस ये पा…"

Abhinav Arun replied Sep 12, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-२ ( Closed Now )

97 Sep 15, 2010
Reply by Navin C. Chaturvedi

सदस्य टीम प्रबंधन

"समाज में बागी अब कम ही दीखते है चापलूसों की भीड़ है ,चलिए शायरी में ही सही सच कहने मे…"

Abhinav Arun replied Sep 12, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-२ ( Closed Now )

97 Sep 15, 2010
Reply by Navin C. Chaturvedi

सदस्य टीम प्रबंधन

"अपने से पहले आपको ही ओ .बी .ओ. पर पढ़ा था आपने भी क्या खूब शेर कहे हैं वाह ! "ग़ज़ल के…"

Abhinav Arun replied Sep 12, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-२ ( Closed Now )

97 Sep 15, 2010
Reply by Navin C. Chaturvedi

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२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
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दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
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