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आदरणीय साहित्य-प्रेमियो,

सादर अभिवादन.

 

ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव, अंक- 37 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है.

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ –

17 मई 2014 दिन शनिवार  से 18 मई 2014 दिन रविवार


1. काव्य-रचनाकर्म इंगितों के माध्यम से तथ्यों को प्रस्तुत करने की प्रक्रिया है.

2. इस हँसी-व्यंग्य में पार्टी विशेष या व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप सर्वथा वर्जित है.

3. एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण बात, कोई प्रस्तुति किसी राजनीतिक पार्टी या व्यक्ति पर सीधी न पड़े.

4. किसी राजनैतिक मंतव्य के समर्थन या विरोध में बातें नहीं करनी है, न प्रचार करना है.

 

(प्रयुक्त चित्र अंतरजाल (Internet) केसौजन्य से प्राप्त हुआ है.)

इस बार के आयोजन के लिए दो छंदों का चयन किया गया है, कामरूप छंद  और चौपई छंद.

 

एक बार में अधिक-से-अधिक तीन कामरूप छंद तथा/या पाँच चौपई छंद प्रस्तुत किये जा सकते है.

ऐसा न होने की दशा में प्रतिभागियों की प्रविष्टियाँ ओबीओ प्रबंधन द्वारा हटा दी जायेंगीं.

 

उन सदस्यों के लिए जो कामरूप छंद और चौपई छंदों के आधारभूत नियमों से परिचित नहीं हैं, उनके लिये इनके संक्षिप्त विधान प्रस्तुत किये जा रहे हैं.

 

कामरूप छंद के आधारभूत नियमों के लिए यहाँ क्लिक करें

चौपई छंद के आधारभूत नियमों के लिए यहाँ क्लिक करें

 

लेकिन, इससे पूर्व मात्रिक छंदों में गेयता को सुनिश्चित करने के लिए ’कलों’ (जैसे, द्विकल, त्रिकल, चौकल आदि) के शुद्ध प्रयोग हेतु उन विन्दुओं को एक बार फिर से ध्यान से देख लें. क्योंकि दोनों छंद मात्रिक हैं.

इसके लिए यहाँ क्लिक करें.

 

आयोजन सम्बन्धी नोट :

(1)फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 17 मई 2014 दिन शनिवार 18 मई 2014 दिन रविवार यानि दो दिनों के लिए रचना और टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.

 

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जायेंगीं.

 

विशेष :

यदि आप अभी तक www.openbooksonline.com परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.

 

अति आवश्यक सूचना :

  • आयोजन की अवधि के दौरान सदस्यगण अधिकतम दो स्तरीय प्रविष्टियाँ अर्थात प्रति दिन एक के हिसाब से पोस्ट कर सकेंगे. ध्यान रहे प्रति दिन एक प्रविष्टि, न कि एक ही दिन में दो प्रविष्टियाँ.
  • रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  • नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  • सदस्यगण बार-बार संशोधन हेतु अनुरोध न करें, बल्कि उनकी रचनाओं पर प्राप्त सुझावों को भली-भाँति अध्ययन कर एक बार संशोधन हेतु अनुरोध करें. सदस्यगण ध्यान रखें कि रचनाओं में किन्हीं दोषों या गलतियों पर सुझावों के अनुसार संशोधन कराने को किसी सुविधा की तरह लें, न कि किसी अधिकार की तरह.
  • आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  • इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  • रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग न करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  • रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

 

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

 

मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

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Replies to This Discussion

आदरणीय भाई  लडिवाला जी  इस सुन्दर प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई.

प्रस्तुत रचना के पसंद करने के लिए आपका शुक्रिया श्री लक्ष्मण धामी भाई 

आदरणीय लक्ष्मण प्रसादजी, प्रथम दृष्ट्या आपकी प्रस्तुति में कुल छन्दों की संख्या इस आयोजन में प्रस्तुति हेतु आवश्यक छन्दों की संख्या कहीं अधिक है.

चौपई छन्द चार चरणों का छन्द है और इस आयोजन में पाँच छन्दों की रचना ही मान्य है. आपने चौपई छन्द को चार पदों का छन्द बना दिया है, आदरणीय. यानि आपकी इस प्रस्तुति में कुल दस छन्दों की रचना प्रस्तुत की है.

इसे आप अवश्य देखकर ठीक कर लें.

प्रबन्धन द्वारा पाँच से अधिक छन्द संभवतः हटा दिये जायँ. 

मैं रचना पर आप द्वारा अथवा प्रबन्धन द्वारा आवश्यक संशोधन कर दिये के बाद आऊँगा.

सादर

जी आदरणीय इस रचना के स्थान पर निम्न छंद रचना को प्रस्थापित करने की कृपा करे | सादर -

उस नेता के हाथ कमान (चौपई छंद)

 

समझौते का हो आधार, तभी चले साझा सरकार

इक दूजे पर करे न वार, बने आत्म बल ही आधार |

 

नेता से जनता की आस, भ्रष्टाचारी का हो नास

रोटी कपड़ा और मकान, इस पर दो नेताजी ध्यान |

 

जनता का पाने विश्वास, सब दल करते रहे प्रयास

जनता के हो सारे काम, यही मांग जनता की आम |

 

वंशवाद की छोड़े तान, लोक तंत्र की रखना आन

माँ वसुधा पर जो कुर्बान, उस नेता की हो पहचान |

 

जनशक्ति है प्रबल आधार, उसके बिना न बेड़ा पार

जनहित का जो रखता ध्यान, उस नेता के हाथ कमान |

 

(मौलिक व अप्रकाशित)

संशोधित

आपकी इस छन्द प्रस्तुति को मूल प्रस्तुति से बदली जा रही है, आदरणीय लक्ष्मण प्रसादजी.

इस सहयोग के लिए सादर धन्यवाद

सादर आभार 

चौथे छंद - आसुरी सोच को हो त्याज्य वाली पंक्ति की जगह निम्न पंक्ति पोस्ट करने की कृपा करे आदरणीय 

मंच संचालक जी | सादर -

वंशवाद की छोड़े तान, लोक तंत्र की रखना आन 

संशोधित हुआ आदरणीय लक्ष्मण प्रसादजी.

आदरणीय लक्ष्मण भाई

नेताओं को अच्छी सलाह देती सुंदर चौपई छंद , इस बार जनता ने भी नेताओं के चरित्र का ध्यान रखते हुए अपने मत का सही उपयोग किया है

हार्दिक बधाई 

छंद पसंद करने के लिए शुक्रिया श्री अखिलेश भाई 

आदरणीय लक्ष्मण भाई , विषयानुरुप खूबसूरत चौपाई छंद रचना के लिये आपको बधाई ॥

आपका हार्दिक आभार श्री गिरिराज भंडारी जी 

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1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

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"आपका छांदसिक प्रयास मुग्धकारी होता है। "
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"वाह, पद प्रवाहमान हो गये।  जय-जय"
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