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रे बदरा तू मत आ रे ,
अइहे मोरे सजनवा रे ,
हो जाई मन में हलचल ,
जब संगे चलिहे सजना रे ,
बड़ी मुस्किल से उ कहले ,
आज मिलन के बेला बा ,
तू जे आ जइबे बिच में ता ,
सोच डरत मन मोरा बा ,
मिलन में बाधा मत बन रे ,
अइहे मोरे सजनवा रे ,
आ जइहे ता खूब बरसिहे ,
जा ना पाईहे सजना रे ,
तब उनके मन भर के देखब ,
चहक उठी मोर मनवा रे ,
मन के बतिया उनसे बोलब ,
संगे कटी मोरे रतिया रे ,
रे बदरा तू मत आ रे ,
अइहे मोरे सजनवा रे ,

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Replies to This Discussion

बहुतै सुंदर लिखे हैं ..एका पढ़ी के गाना याद आई गवा 'बरखा रानी ज़रा जम के बरसो....' 
bah kya bat hain
Wah ! Kya baat hai.
dhanyabad aap sabo ko

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