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अखिया के रस्ते मन में समां के काहे भरमावे लू ,

अखिया के रस्ते मन में समां के काहे भरमावे लू ,
हो जानिया , हो रानिया ओ माहिया,
इयाद तोहर आवे ला तू काहे ना आवे लू ,
अखिया के रस्ते मन में समां के काहे भरमावे लू ,
देखनी हमहू तोहरी सुरतिया मनवा इ अगराइल ,
तोहरे सुरतिया देखनी संघतिया सावन झूम के आइल ,
सपना में आके हमके जगा के काहे सतावे लू ,
हो जानिया , हो रानिया ओ माहिया,
इयाद तोहर आवे ला तू काहे ना आवे लू ,
मन करे हमरो तहरे संगे आपन दीन बिताई ,
हमसे तू कुछ बोला रानी तोहसे हम बतिआइ ,
अइसन बतिया मोरे संघतिया कबहू ना हम छेरब,
जहावा से तोहे दुःख मिली उहा से मुह फेरब ,
आव जल्दी आव तुहू अब काहे तरपावे लू ,
हो जानिया , हो रानिया ओ माहिया,
इयाद तोहर आवे ला तू काहे ना आवे लू ,

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Replies to This Discussion

guru ji pranaam,
मन करे हमरो तहरे संगे आपन दीन बिताई ,
हमसे तू कुछ बोला रानी तोहसे हम बतिआइ ,
अइसन बतिया मोरे संघतिया कबहू ना हम छेरब,
जहावा से तोहे दुःख मिली उहा से मुह फेरब ,
आव जल्दी आव तुहू अब काहे तरपावे लू ,
bada nik geet ba ee. saach kahi t padh ke hiyara gadgad ho gaeel.
वाह गुरु जी एक बेर फेर मस्त रचना लिखले बानी, बहुत खूब,

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