जब कभी भी आजमाया जायेगा
आदमी औकात पर आ जायेगा
शख्सियत औ कद बड़ा जिस का मिला
वो यकीनन बुत बनाया जायेगा
क़ैद कर मेरी सहर की रोशनी
भोर का तारा दिखाया जायेगा
जिद पे गर बच्चा कोई आ ही गया
चाँद थाली में सजाया जायेगा
गर वो वादों पर यकीं करने लगे
उस से रोज़ी पर न जाया जायेगा
फ़र्ज़दारी का सिला जो दे चुके
कत्लगाहों में बसाया जायेगा
ये जहां तो इक मुसलसल मांग है
इक खुदा से कब निभाया जायेगा
Comment
जब कभी भी आजमाया जायेगा
आदमी औकात पर आ जायेगाvah kaya bat .....
शख्सियत औ कद बड़ा जिस का मिला
वो यकीनन बुत बनाया जायेगा ..lajvab ek sandar gajl
shukriya vinas keshari ji ,saurabh pandey sahab ,arun kumar pandey sahab
यदि मिसरा-सानी में अलोत ’उनको’ शब्द ’दीख’ जाय. जो कि वास्तव में है.
और स्पष्ट करें
अश्विनी कुमार जी, इस ग़ज़ल पर बधाई कुबूल करें.
वीनस जी, उक्त शे’र में वचन दोष नहीं है. यदि मिसरा-सानी में अलोत ’उनको’ शब्द ’दीख’ जाय. जो कि वास्तव में है.
धन्यवाद.
वाह वा अश्वनी जी
खूब शेर कहे हैं... ढेरों दाद कबूल करमायें
क़ैद कर मेरी सहर की रोशनी
भोर का तारा दिखाया जायेगा
क्या कहने
फ़र्ज़दारी का सिला जो दे चुके
कत्लगाहों में बसाया जायेगा
इस शेर में मुझे वचन दोष लग रहा है ...एक बार फिर से देख लें
सादर
abhaar arun pandey sahab
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