For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अइसन तू दिहलू ग़म प्यार में

अइसन तू दिहलू ग़म प्यार में हमके सनम
जीयल अब जाई ना बिन तोहरा सनम
अइसन तू दिहलू ग़म प्यार में हमके सनम

जखम बा इतना गहरा दवा से ना भरी
याद आइबे करी टीस उथल करी
तड़प के आह भरी कैलू अइसन सितम
अइसन तू दिहलू ग़म प्यार में हमके सनम

दर्द में दिल डूबा के तडपे के छोड़ देलू
भइल का हमसे खता मुह तू मोड़ लेलु
तहरा के आपण मानली रहे मन के भरम
अइसन तू दिहलू ग़म प्यार में हमके सनम

का केहू प्यार करी केहू पर ऐतबार करी
धोखा खा गइल प्रीतम जेहद के पार करी
बदल जाला केहू खा के झूठा कसम
अइसन तू दिहलू ग़म प्यार में हमके सनम

अइसन तू दिहलू ग़म प्यार में हमके सनम
जीयल अब जाई ना बिन तोहरा सनम
अइसन तू दिहलू ग़म प्यार में हमके सनम

Views: 714

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on September 6, 2010 at 8:50pm
का कहल जव आशीष भाई....अचानक से आज पुराना दिन याद आ गइल.....
खैर कौनो बात ना कब्बो कब्बो याद आवे के चाही केहू के बेवफाई....
Comment by आशीष यादव on September 6, 2010 at 7:36pm
Jhakhm fir taza ho gail ka preet bhaiya
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on September 6, 2010 at 7:12pm
माजरा बहुत बड़ा है रना भाई....अब तक तो आप समझ भी गए होंगे....जख्म इतना गहरा है की दवा से भी नहीं भर रहा है...

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Rana Pratap Singh on September 6, 2010 at 6:49pm
behatarin.......akhir ye mazara kya hai??????
Comment by Rash Bihari Ravi on March 31, 2010 at 1:23pm
preetam bhai i tis bada badhia ba
Comment by Raju on March 31, 2010 at 12:47pm
अइसन तू दिहलू ग़म प्यार में हमके सनम
जीयल अब जाई ना बिन तोहरा सनम
अइसन तू दिहलू ग़म प्यार में हमके सनम

Preetam bhaiya raura k ke gum de dihale ba jee...
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on March 31, 2010 at 11:33am
bahut bahut dhanyabaad admin jee.......
Comment by Admin on March 31, 2010 at 11:31am
वाह वाह प्रीतम जी आप तो बहुत ही बढ़िया गीत लिख डाला है, आप तो कमाल का लिखे है, और कहते है की लिखने नहीं आता है, इससे भी बढ़िया लिखेगा क्या कोई ? बहुत सुन्दर रचना है , लगे राहू मुन्ना भाई, बहुत आगे जाना है,
यह लाइन तो जबरदस्त है भाई.......
का केहू प्यार करी केहू पर ऐतबार करी
धोखा खा गइल प्रीतम जेहद के पार करी
बदल जाला केहू खा के झूठा कसम
अइसन तू दिहलू ग़म प्यार में हमके सनम

बहुत बहुत धन्यवाद इतना सुन्दर रचना के लिये, अंत मे मै यही कहुगा की "जियो शेर"

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"वाह बहुत खूबसूरत सृजन है सर जी हार्दिक बधाई"
10 hours ago
Samar kabeer commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"जनाब चेतन प्रकाश जी आदाब, आमीन ! आपकी सुख़न नवाज़ी के लिए बहुत शुक्रिय: अदा करता हूँ,सलामत रहें ।"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 166 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ पचपनवाँ आयोजन है.…See More
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"तकनीकी कारणों से साइट खुलने में व्यवधान को देखते हुए आयोजन अवधि आज दिनांक 15.04.24 को रात्रि 12 बजे…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जय- पराजय ः गीतिका छंद जय पराजय कुछ नहीं बस, आँकड़ो का मेल है । आड़ ..लेकर ..दूसरों.. की़, जीतने…"
Sunday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, उम्द: रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना

याद कर इतना न दिल कमजोर करनाआऊंगा तब खूब जी भर बोर करना।मुख्तसर सी बात है लेकिन जरूरीकह दूं मैं, बस…See More
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"मन की तख्ती पर सदा, खींचो सत्य सुरेख। जय की होगी शृंखला  एक पराजय देख। - आयेंगे कुछ मौन…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"स्वागतम"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service