For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

व्यंग्य - बाबागिरी का कमाल

बाबागिरी का कमाल अभी चहुंओर छाया हुआ है। अब लोगों को समझ में आ गया है, गांधीगिरी में भलाई नहीं है, बल्कि बाबागिरी से ही तिजोरी भरी जा सकती है। गांधीगिरी से केवल आत्मा को संतुष्ट किया जा सकता है, मगर बाबागिरी में करोड़ों कमाए बगैर, मन की धनभूख शांत नहीं होती। जब से इस बात का खुलासा हुआ है कि देश का एक बड़ा बाबा महज कुछ बरसों में करोड़पति बन गया तथा अभी अरबों की संपत्ति का और राज खुलना बाकी है, उसके बाद तो हम जैसे लोग बाबागिरी की तिमारदारी में लगे हुए हैं। बरसों कलम खिसते रहो, लेकिन इतना तय है कि इन बाबाओं की तरह किसी भी तरह से करोड़पति-अरबपति नहीं बना सकता।

ऐसे में अब बाबागिरी की राह पकड़ने की धुंध मन में रोज छा रही है। हर दिन मेरा मन कचोटता है कि जब पैसा कमाने का द्वार खुला हुआ है, तो क्यों खुद को रोके बैठे हो ? जाओ, कहीं भी बाबा बनकर अपना ज्ञान बांटो। मुझे यहां इतना अहसास है कि भले ही आप कम पढ़े लिखे हांे, अनपढ़ हांे, मगर आपको थोड़ी बहुत शास्त्र तथा कुछ ज्ञान की बातें जरूर पता होनी चाहिए। इसके अलावा आप में लोगों के मनोभाव का आकलन लगाने का गुण होना चाहिए, इसके बगैर बाबागिरी में सफलता की गारंटी नहीं है। बाबाओं की एक खासियत होती हैं, वे अपनी उम्र व शैक्षणिक योग्यता तथा दान के रूप में मिलने वाले धन का खुलासा नहीं करते। स्वाभाविक भी है, हम जैसे थोड़ी न है, एकदम फक्कड़ लिख्खास। जाहिर सी बात है, जब बाबागिरी कर रहे हैं, तो कुछ दमखम रखेंगे। बाबागिरी में कमाल दिखाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है, उंची हैसियत के लोगों का पहले विश्वास जीतो, उसके बाद तो मध्यम व निचले तबके के लोग देखते ही देखते शरणागत हो जाते हैं।

अभी बाबागिरी में करामात की चर्चा हर जुबान की शान बनी हुई है। एक अरसे से जब किसी से पूछा जाता था कि पढ़-लिखकर क्या बनोगे तो सहसा जवाब मिलता था, डॉक्टर, इंजीनियर। इधर मीडिया में बाबागिरी से कुछ ही बरसों में करोड़पति-अरबपति बनने की बात छाई है, उसके बाद बच्चा-बच्चा यही कहने लगा है कि अब तो बाबागिरी ही करनी है ? इसके लिए किसी योग्यता की जरूरत भी नहीं पड़ती ? पढ़ाई के बारे में कोई पूछने वाला नहीं होता ? इतने कम समय में पैसा कमाने का भला और शॉर्टकट रास्ता हो सकता है ? बाबागिरी में चौतरफा लाभ ही लाभ है, एक तो लोग शरणागत होते हैं, पूजा करते हैं, विशेष पद से अलंकृत करते हैं और चढ़ावा भी चढ़ाते हैं। इसके बाद और क्या बच जाता है ? बस, उपदेश का गुण ऐसा आना चाहिए, जिससे किसी भी तरह लोग दिग्भ्रमित हुए बगैर न रहें।
अब तो मैंने पूरा मन ही बन लिया है कि बाबागिरी का कमाल हर हाल में दिखाना ही है। भले ही इसके लिए मुझे अपना चोला ही बदलना पड़े, क्योंकि आज के युग में इतना तो समझ में आया ही गया है कि जब तक आप लखपति, करोड़पति, अरबपति नहीं है, तब तक आप कुछ नहीं है।


राजकुमार साहू
लेखक व्यंग्य लिखते हैं

जांजगीर, छत्तीसगढ़
मोबा - 098934-94714

Views: 375

Facebook

You Might Be Interested In ...

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बढ़िया शीर्षक सहित बढ़िया रचना विषयांतर्गत। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"रचना पटल पर उपस्थिति और विस्तृत समीक्षात्मक मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय तेजवीर…"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"जिजीविषा गंगाधर बाबू के रिटायर हुए कोई लंबा अरसा नहीं गुजरा था।यही दो -ढाई साल पहले सचिवालय की…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी साहब जी , इस प्रयोगात्मक लघुकथा से इस गोष्ठी के शुभारंभ हेतु हार्दिक…"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service