For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मेरे प्यारे-प्यारे वैज्ञानिकों

सीलन भरी छत पर बैठकर
चाँद की ख़ूबसूरती को निहारने वाले
मेरे प्यारे-प्यारे वैज्ञानिकों
यदि संभव हो
तो अगली बार
भूख़, ग़रीबी, शोषण
और अत्याचार के साथ
इस नफ़रत भरी
विषैली बेल को भी
अपने उपग्रहों में लपेट कर
इस पृथ्वी से दूर
बहुत दूर
सुदूर अन्तरिक्ष में
छोड़ देना तुम
जहाँ से फिर कभी लौटना
संभव न हो
और हाँ
अगर तुम्हारे यान में
थोड़ी सी जगह और बचे
तो बिठा लेना मुझे भी
और फेंक देना रास्ते में
जहाँ कहीं भी तुम्हारा दिल करे!

(मौलिक और अप्रकाशित)

Views: 1011

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Mahendra Kumar on April 8, 2017 at 9:42pm
आपका हार्दिक आभार आदरणीया कल्पना जी। बहुत-बहुत धन्यवाद। सादर।
Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on April 8, 2017 at 1:23pm
बहुत अच्छे विचार । बहुत सुंदर रचना हुई है आदरणीय महेंद्र जी । बधाई स्वीकारें ।
Comment by Mahendra Kumar on March 27, 2017 at 9:12am
हार्दिक आभार आदरणीय राम जी।
Comment by Ram Ashery on March 22, 2017 at 3:20pm

 ati sunder 

Comment by Mahendra Kumar on February 23, 2017 at 4:52pm
हार्दिक आभार आदरणीय गिरिराज सर।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on February 23, 2017 at 7:54am

आदरनीय महेन्द्र भाई , बहुत सुंदर और सही लगी आपकी कविता , हार्दिक बधाइयाँ ।

Comment by Mahendra Kumar on February 21, 2017 at 5:33pm
कविता को पसंद करने के लिए आपका हृदय से आभार आदरणीय शेख़ शहज़ाद उस्मानी जी। सादर।
Comment by Mahendra Kumar on February 21, 2017 at 5:31pm
अपनी टिप्पणी से रचना को मान देने के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीय सुशील सरना जी।
Comment by Mahendra Kumar on February 21, 2017 at 5:30pm
आपको कविता पसंद आयी, लिखना सार्थक रहा आदरणीय समर कबीर सर। बहुत-बहुत धन्यवाद। सादर।
Comment by Mahendra Kumar on February 21, 2017 at 5:29pm
शुक्रिया आदरणीय शिज्जु "शकूर" जी। सादर।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

anwar suhail updated their profile
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Friday
ajay sharma shared a profile on Facebook
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service