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22 /122/ 22
प्यासा किनारा होगा
सच बे-सहारा होगा

नित गीत बुनता रहता
बेसक कुँवारा होगा!!!!

करता है सजदा मस्जिद
क्या प्रीत हारा होगा???

निकला सुबह है घर से
घर बे -सहारा होगा

निकला है अपने घर से
कुछ तो सहारा होगा..!!!

आई है बरखा रानी
मौसम भी प्यारा होगा...

मौलिक/अप्रकाशित
आमोद बिंदौरी

Views: 356

Comment

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सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on November 7, 2015 at 5:28pm

आदरणीय प्रस्तुति के लिये बधाई । शब्दों को सही लिखने का प्रयास करें ।

Comment by Abid ali mansoori on November 6, 2015 at 11:33pm

हार्दिक वधाई आदरणीय अमोद जी!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on November 6, 2015 at 8:45pm

आदरणीय आमोद जी इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई 

कृपया ध्यान दे...

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